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निर्मला सुना रहीं रामकथा, यज्ञ व भंडारे की व्यवस्था संभाल रहे शमीम अख्‍तर Gorakhpur News

ऐसे ही नहीं कहा जाता है कि सारे जहां से अच्छा हिंदोस्‍तां हमारा। इसके पीछे कुछ कारण तो जरूर है कि पूरी दुनिया भारत की अनेकता में एकता का लोहा मानती है। कौमी एकता की मिसाल देखना है तो बखिरा के झुंगिया काली मंदिर पर चले जाइए।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 11:10 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 11:10 AM (IST)
निर्मला सुना रहीं रामकथा, यज्ञ व भंडारे की व्यवस्था संभाल रहे शमीम अख्‍तर Gorakhpur News
विष्णु महायज्ञ में प्रवचन सुनते शमीम अख्तर अंसारी। जागरण

राज नारायण मिश्र, गोरखपुर : ऐसे ही नहीं कहा जाता है कि सारे जहां से अच्छा हिंदोस्‍तां हमारा। इसके पीछे कुछ कारण तो जरूर है कि पूरी दुनिया भारत की अनेकता में एकता का लोहा मानती है। कौमी एकता की मिसाल देखना है तो संत‍कबीरनगर जिले के बखिरा के झुंगिया काली मंदिर पर चले जाइए। यहां चल रहे नौ दिवसीय विष्णु महायज्ञ में वाराणसी के वृंदावन धाम की निर्मला पांडेय लोगों को श्रीराम कथा सुना रहीं हैं और यज्ञ की व्यवस्था शमीम अख्तर अंसारी संभाल रहे हैं। यज्ञ स्थल पर चल रहे भंडारे की जिम्मेदारी भी उन्‍हीं के जिम्‍मे है, जिसमें हर दिन सैकड़ों लोग प्रसाद पाते हैं।

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कौमी एकता की मिसाल बना काली मंदिर का विष्णु महायज्ञ

ऐसा भी नहीं है कि यज्ञ आरंभ होने के बाद शमीम इसमें शामिल हुए बल्कि इसकी रूपरेखा बनने में भी प्रमुख भूमिका निभाई। एक लाख एक हजार का स्वयं चंदा देने के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी यज्ञ से जोड़ा। यज्ञकर्ता चेतन दास फलहारी, यज्ञाचार्य नवनीत मिश्र, आदित्य मिश्र के साथ नौ दिन चल चलने वाले प्रवचन, आरती, भंडारा और राम-कृष्ण की लीलाओं के मंचन से क्षेत्र के लोगों को जोड़ा। सुबह से देर रात तक वह यज्ञ स्थल पर व्यवस्था बनाने में जुटे रहते हैं। भगवान की आरती शमीम की उपस्थिति में ही होती है। सुबह-शाम चलने वाले भंडारे की सारी व्यवस्था शमीम के ही जिम्मे है।

मैं भारत का मुसलमान : शमीम

लेडुआ-महुआ के निवर्तमान प्रधान शमीम अख्तर अंसारी कहते हैं कि वह भारत के मुसलमान हैं। अपनी सभ्यता व संस्कृति को ठीक प्रकार से जानते हैं। देश की आजादी के दौर के इतिहास को भी उन्होंने पढ़ा है। हर कदम पर हिंदू-मुसलमान-सिख व ईसाई एक साथ रह रहे हैं। अपने देश की परंपराओं को जीवंत रखने के लिए वह हमेशा सहयोग करते रहेंगे। बिखरा क्षेत्र में हमेशा हिंदू-मुसलमान भाई बनकर रहे हैं। हमारे मोहर्रम और ईद में जब हिंदू भाई शामिल होते हैं तो हम क्यों नहीं। देश की आत्मा श्रीराम के काम में अपनी सहभागिता निभाएं।


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