निर्भया कांड : गुनहगारों को फांसी की तिथि नियत होने से मिली शांति Gorakhpur News
निर्भया कांड के प्रत्यक्षदर्शी गोरखपुर जिले के निवासी अवनींद्र पाण्डेय के पिता भानु प्रताप पाण्डेय एडवोकेट ने आरोपियों के फांसी की तिथि नियत होने पर खुशी जाहिर की है।
गोरखपुर, जेएनएन। निर्भया कांड के गुनहगारों को फांसी की तिथि नियत होने से मन को शांति मिली है। इस निर्णय से लोगों का न्यायपालिका के प्रति विश्वास बढ़ेगा। निर्भया कांड की पीडि़ता के मित्र तथा घटना के प्रत्यक्षदर्शी गोरखपुर जिले के निवासी अवनींद्र पाण्डेय के पिता भानु प्रताप पाण्डेय एडवोकेट ने फांसी की तिथि नियत होने पर यह प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि घटना की तिथि 16 दिसंबर 2012 के बाद से उन्हें इसी दिन का इंतजार था। ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को दंड मिलने से अपराधियों का मनोबल टूटेगा। उन्होंने इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे राहत भरा बताया।
पवन की सजा को जगरनाथपुर ने भी सही ठहराया
निर्भया कांड के चारों आरोपितों का दिल्ली न्यायालय द्वारा डेथ वारंट जारी करने के फैसले को बस्ती जिले के जगरनाथपुर के बाशिंदों ने भी सही ठहराया है। आरोपितों में एक पवन गुप्ता यहीं का निवासी है। ग्रामीणों को उसे फांसी दिए जाने का कोई मलाल नहीं है। उनका कहना है कि ऐसा कुकृत्य करने वालों के लिए इससे कम सजा हो ही नहीं हो सकती।
दिल्ली चला गया पूरा परिवार
आरोपित पवन के पिता सात साल पहले गांव के निकट महादेवा चौराहे के पास मकान का निर्माण करा रहे थे। इस घटना के बाद निर्माण कार्य ठप हो गया। पूरा परिवार गांव छोड़ कर दिल्ली चला गया। मकान में ताला बंद है। उसके दो चाचा गांव में परिवार के साथ रहते हैं। दिल्ली न्यायालय के फैसले के बाद उनके घरों में मातम जैसी स्थिति है। हालांकि वे लोग भी पवन के कुकृत्य से काफी आहत हैं। बातचीत के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कहा कि हमें इंसाफ पर पूरा भरोसा था। गलत कृत्य करने वाले हर व्यक्ति को इसी तरह की सजा मिलनी चाहिए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। अपराध करने वालों का मनोबल टूटे। बहन-बेटियां घर से लेकर बाहर तक सुरक्षित रहें। पवन के इस कृत्य से गांव का नाम बदनाम हुआ है।