बाढ़ से बचाव के लिए नौ परियोजनाओं को हरी झंडी Gorakhpur News
देवरिया में बांधों की मरम्मत के लिए नौ परियोजनाओं को शासन से मंजूरी मिल गई है। उम्मीद है कि फरवरी से कार्य भी शुरू हो जाएगा। इसमें बांधों की मरम्मत बचाव कार्य शामिल है। इससे तटवर्ती लोगों में खुशी है।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले में बांधों की मरम्मत के लिए नौ परियोजनाओं को शासन से मंजूरी मिल गई है। उम्मीद है कि फरवरी से कार्य भी शुरू हो जाएगा। इसमें बांधों की मरम्मत, बचाव कार्य शामिल है। इससे तटवर्ती लोगों में खुशी है।
इन परियोजनाओं को मिली है स्वीकृति
गुर्रा नदी के बाएं तट पर निर्मित पचलड़ी तटबंध के ग्राम बेलवा के पास कटाव निरोधक कार्य लागत 276.66 लाख, गुर्रा नदी के बाएं तट पर भुसवल पिडरा तटबंध के भुसवल के मध्य व ग्राम पिडरी के पास निरोधक कार्य लागत 581.45 लाख, राप्ती नदी के बाएं तट पर मदनपुर केवटिलया तटबंध के किमी 1.125 से 1.425 के मध्य बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य परियोजना लागत 581.032 लाख, घाघरा नदी के बाएं तट पर निर्मित चुरिया तटबंध के किमी 4.500 से 9.400 के मध्य कटाव निरोधक कार्य की परियोजना लागत 861.35 लाख, राप्ती नदी के बाएं तट पर निर्मित तिघरा मराछी तटबंध के किमी 11.825 से 12.050 के मध्य भेड़ी कटान स्थल से पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य के लिए 453.16 लाख रुपये मिले हैं। गुर्रा नदी के बाएं तट पर निर्मित पांडेय माझा जोगिया तटबंध के किमी 0.900 से 1.150 के मध्य ग्राम पांडेय माझा एवं 3.00 से 3.200 के मध्य ग्राम शीतल माझा के पास कटान निरोधक कार्य की परियोजना लागत 1224.09 लाख, गुर्रा नदी के बांए तट पर निर्मित पिडरा करनपुर तटबंध के किमी 2.740 से 3.190 के मध्य ग्राम सलहटा के पास कटान निरोधक कार्य की कार्य योजना लागत 1090.34 लाख, घारा नदी के बाएं तट पर निर्मित तुर्तीपार चुरिया तटबंध के मिमी 12.000 से 13.600 के मध्य कटाव निरोधक कार्य की परियोजना लागत 1187.35 लाख को स्वीकृति मिली है। दूसरी तरफ गंडक नदी के दाएं तट पर शाहजहांपुर ग्राम समूहबरवा सेमरा ग्राम समूह एवं बाएं तट पर कोन्हवलिया ग्राम समूह के पास कटाव निरोधक कार्य की परियोजना के लिए 1115.63 लाख रुपये मंजूर हुए हैं।
फरवरी से शुरू हो जाएगा कार्य
अधिशासी अभियंता, बाढ़ नरेंद्र जड़िया ने बताया कि कुल नौ परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। सभी का टेंडर भी हो गया है। फरवरी माह में कार्य भी शुरू हो जाएगा। इन परियोजनाओं की स्वीकृति मिलने से बाढ़ बचाव कार्य में काफी मदद मिलेगी। बाढ़ के खतरे को रोका जा सकेगा।