अमृतसर भगदड़ में सिद्धार्थनगर जिले के एक ही परिवार के नौ सदस्य घायल
सिद्धार्थनगर जिले के एक ही परिवार के नौ सदस्य अमृतसर हादसे में भगदड़ में घायल हो गया। वहां पर वे फल बेचते हैं। इसमें चार की हालत चिंताजनक बनी हुई है।भ्
गोरखपुर (जेएनएन)। अमृतसर में हुए ट्रेन हादसा के बाद मची भगदड़ में सिद्धार्थनगर जिले के लोटन कोतवाली के ग्राम बेलवा के नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी एक परिवार के सदस्य हैं। चार की स्थिति नाजुक बनी हुई है। सभी का इलाज अमृतसर के गुरु नानक व सिविल अस्पताल में चल रहा है। सभी पीड़ित घटना के बाद मची भगदड़ में भीड़ से कुचल गए थे। घायलों में सुदेसर (70), श्याम बहादुर (38), राम बहादुर (34), संतोष (15), लक्ष्मी (11), विशाल (10), संध्या (10), अमित (9) व काजल (7) है। संतोष, सुदेसर, रामबहादुर और विशाल की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
बेलवा गांव निवासी कोइला देवी ने बताया कि पति सुदेसर के साथ दो पुत्र व उनका परिवार करीब 20 वर्ष से अमृतसर के कृष्णानगर मोहल्ला में रह रहा है। वहां पर फल का व्यापार है। रामलीला मैदान से इनके आवास की दूरी करीब तीन सौ मीटर है। दशहरा की छुट्टी व रामलीला मैदान पास में होने पर परिवार के सभी सदस्य रावण दहन देखने के लिए गए थे। घर पर केवल दो बहू दुर्गावती व कलावती रह गईं। ट्रेन हादसा होने के बाद अमृतसर में रह रहे गांव निवासी दीनानाथ ने फोन पर छोटे पुत्र जीत बहादुर को घटना की सूचना दी। इसके बाद परिवार के सदस्यों के मोबाइल पर फोन करना शुरू किया। लेकिन नंबर नहीं लग रहा था। किसी प्रकार छोटी बहू से बात हो सकी।
उसने बताया कि हादसा होने के बाद मैदान में भगदड़ मच गई। भीड़ के दबाव से संतोष नीचे गिर गया। लोग उसे कुचलते हुए निकलने लगे। उसके पेट की आंत फट गई है। गुरुनानक अस्पताल में आपरेशन किया गया है। अभी भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उसे बचाने में सुदेसर, राम बहादुर व विशाल को भी गंभीर चोटें आई हैं। बच्चों को लेकर श्याम बहादुर भीड़ से निकल गया। लेकिन इन लोगों को भी चोट आई है। सूचना मिलने के बाद बड़ा पुत्र बहरैची अमृतसर रवाना हो गए हैं।
पटाखा की आवाज में नहीं सुनाई दी ट्रेन की सीटी
जीत बहादुर की बात भाभी कलावती ने बड़े भाई श्याम बहादुर से कराई। बड़े भाई ने बताया कि जब रावण दहन किया गया तो उसमें लगे असंख्य पटाखा तेज आवाज से फूटने लगे। जो लोग दक्षिण दिशा में थे, वह पटाखों से बचने के लिए रेलवे ट्रैक की ओर रुख कर लिए। जब ट्रेन आई तो रेलवे लाइन पर खड़े लोगों को हार्न नहीं सुनाई दिया। जब घटना हो गई तो भगदड़ मच गई। जिसको जिधर जगह दिखी वह उधर भागने लगा। हमारा परिवार पूर्व दिशा में था, सभी भागे। इसी दौरान संतोष भीड़ की चपेट में आ गया।
सीएम ने की श्याम बहादुर से मुलाकात
जीत बहादुर ने बताया कि शनिवार की सुबह वह टीवी पर समाचार देख रहा था। मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह अस्पताल में घायलों से हालचाल पूछ रहे थे। इसी दौरान वह श्याम बहादुर के पास भी पहुंचे। उससे बात भी किया। टीवी पर भाई को भला-चंगा देख दिल को थोड़ी तसल्ली मिली।