देवरिया कांड : एसआइटी ने तलब की दो वर्ष पूर्व की मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट
देवरिया कांड एक बार फिर चर्चा में आ गया है। बालगृह कांड में एसआइटी की अभी जांच पूरी नहीं हुई है। वह अब इस रिपोर्ट की मांग कर रही है।
By Edited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 09:13 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 12:34 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया कांड की विवेचना में जुटी एसआइटी ने दो वर्ष पूर्व हुई डेढ़ साल की बच्ची की मौत के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट मांगी है। विवेचक एसआइटी के निरीक्षक बृजेश सिंह ने जिलाधिकारी अमित किशोर को पत्र लिखकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
फिलहाल जांच रिपोर्ट के लिए पत्रावलियां खंगाली जा रही हैं। मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण में दो साल पूर्व आठ दिसंबर 2016 को डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई थी। तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आठ दिसंबर 2016 को तत्कालीन डीएम अनिता श्रीवास्तव को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेटी जांच का अनुरोध किया था। जिस पर डीएम अनिता श्रीवास्तव ने 20 दिसंबर 2016 को मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया व एएसडीएम अरुण कुमार सिंह को जांच अधिकारी नामित किया। साथ ही एक माह में जांच पूरी कर आख्या उपलब्ध कराने को कहा था। फिलहाल जांच रिपोर्ट एसआइटी को उपलब्ध नहीं हो पाई है।
एसआइटी के विवेचक बृजेश सिंह का कहना है कि विवेचना के दौरान बच्ची की मौत प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच होने की जानकारी मिली है। इसलिए विवेचना में एएसडीएम अरुण कुमार ¨सह द्वारा की गई मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि इस जांच को आगे बढ़ाया जा सके। डीएम ने शीघ्र जांच आख्या भेजने का निर्देश दिया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार का कहना है कि 2016 में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण में एक बच्ची की मौत हुई थी। बच्ची का पोस्टमार्टम देरी से कराया गया था। चूंकि मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है। इसलिए मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ बता नहीं सकता।
फिलहाल जांच रिपोर्ट के लिए पत्रावलियां खंगाली जा रही हैं। मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण में दो साल पूर्व आठ दिसंबर 2016 को डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई थी। तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आठ दिसंबर 2016 को तत्कालीन डीएम अनिता श्रीवास्तव को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेटी जांच का अनुरोध किया था। जिस पर डीएम अनिता श्रीवास्तव ने 20 दिसंबर 2016 को मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया व एएसडीएम अरुण कुमार सिंह को जांच अधिकारी नामित किया। साथ ही एक माह में जांच पूरी कर आख्या उपलब्ध कराने को कहा था। फिलहाल जांच रिपोर्ट एसआइटी को उपलब्ध नहीं हो पाई है।
एसआइटी के विवेचक बृजेश सिंह का कहना है कि विवेचना के दौरान बच्ची की मौत प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच होने की जानकारी मिली है। इसलिए विवेचना में एएसडीएम अरुण कुमार ¨सह द्वारा की गई मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि इस जांच को आगे बढ़ाया जा सके। डीएम ने शीघ्र जांच आख्या भेजने का निर्देश दिया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार का कहना है कि 2016 में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण में एक बच्ची की मौत हुई थी। बच्ची का पोस्टमार्टम देरी से कराया गया था। चूंकि मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है। इसलिए मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ बता नहीं सकता।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें