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यूपी कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष : अजय कुमार लल्‍लू को प्रियंका गांधी का करीबी होने का मिला पुरस्‍कार Gorakhpur News

कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष बने कुशीनगर के तमुकुही राज के विधायक अजय कुमार लल्लू को प्रियंका गांधी का करीबी होने का फायदा मिला।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 02:59 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 08:51 AM (IST)
यूपी कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष : अजय कुमार लल्‍लू को प्रियंका गांधी का करीबी होने का मिला पुरस्‍कार Gorakhpur News
यूपी कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष : अजय कुमार लल्‍लू को प्रियंका गांधी का करीबी होने का मिला पुरस्‍कार Gorakhpur News

गोरखपुर, अनिल पाठक। कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष बने कुशीनगर के तमुकुही राज के विधायक अजय कुमार लल्लू को प्रियंका गांधी का करीबी होने का फायदा मिला। प्रियंका गांधी के यूपी की राजनीति में सक्रिय होने के बाद अजय कुमार लल्लू ने प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस के सभी आंदोलनों में चढ़ बढ़कर हिस्‍सा लिया। लल्‍लू की सक्रियता से प्रियंका गांधी काफी प्रभावित थीं।

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छात्र राजनीति से की शुरुआत

कुशीनगर के सेवरही के किसान पीजी कालेज से छात्र राजनीति की शुरूआत कर अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद का सफर तय किया। इस बार कांग्रेस के टिकट पर वे दूसरी बार विधायक हैं। हालिया दिनों में प्रियंका गांधी के साथ कई अांदोलनों में भी लल्लू की सक्रियता देखी गई। शायद इसी का लाभ उन्हें मिला है।

आरपीएन सिंह के बाद दूसरा बड़ा चेहरा

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुंवर आरपीएन सिंह के बाद दूसरा चेहरा लल्लू का ही दिख रहा है। चूंकि आरपीएन सिंह केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हैं और उन्हें झारखंड का प्रभारी भी बनाया गया। इसलिए भी लल्लू पूर्वांचल में एकमात्र युवा चेहरा दिख रहे हैं। सेवरही आजाद नगर वार्ड के शिवनाथ प्रसाद के लड़के तमकुहीराज के विधायक अजय कुमार लल्लू शुरू संघर्ष करते रहे। वर्ष 1999 में किसान पीजी कालेज में महामंत्री बने, तो 2000 में छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद एकता परिषद का गठन कर क्षेत्रीय युवाओं को जोड़ा। उनके साथ स्थानीय समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन करने लगे।

2012 में पहली बार बने विधायक

वर्ष 2007 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सेवरही विधानसभा से चुनाव लड़े, जिसमें पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार संघर्ष करते रहे। इसी बीच तत्कालीन केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री रहे कुंवर आरपीएन सिंह की नजर इन पर पड़ी और 2012 में उन्होंने कांग्रेस से टिकट दिलाया, जिसमें वे विजयी हुए। इसके बाद 2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। वर्तमान में कांग्रेस विधान मंडल दल नेता हैं।


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