मंदिर की तरह दिखेगा नया गोरखनाथ थाना, निर्माण पर खर्च होंगे 24 करोड़ रुपये Gorakhpur News
गोरखपुर का गोरखनाथ थाना अब नए रूप में दिखेगा। थाने की बिल्डिंग को ध्वस्त कर 24 करोड़ की लागत से नया भवन बनाया जाएगा। नया भवन मंदिर की तरह दिखेगा। लोक निर्माण विभाग ने पांच मंजिला बनने वाले इस थानेे का डिजाइन फाइनल कर लिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ थाना खंभों और गुंबदों के साथ थाना एक भव्य मंदिर जैसे स्वरूप में नजर आएगा। थाना को मंदिर का स्वरूप देने के अलावा फरियादियों की सुविधा और सेवाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने पांच मंजिला बनने वाले थाना का डिजाइन फाइनल कर लिया है। पुराना भवन ध्वस्त होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
बनने तक कुष्ठ आश्रम से संचालित होगा थाना
सड़क चौड़ी होने की वजह से गोरखनाथ थाने के आगे का काफी हिस्सा उसमें पड़ गया। बाउंड्रीवाल टूटने और कार्यालय के सामने जगह न होने पर थाने के लिए नये भवन का निर्माण करने की योजना बनाई गई है। 24.02 करोड़ की लागत से बनने वाला नया थाना आधुनिक होगा। बेसमेंट और चार तल में बनने वाले भवन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग हाल, मीटिंग हाल, मनोरंजन कक्ष, 200 सिपाहियों के लिए बैरक, शस्त्रागार, मालखाना, आगंतुक कक्ष, कार्यालय, प्रभारी निरीक्षक कक्ष,एसआइ रेस्ट रूम ,20 महिला सिपाहियों के लिए रेस्ट रूम वाच टावर बनने के साथ ही लिफ्ट लगेगा। पुराना भवन ध्वस्त होने के बाद थाने को राजेन्द्र नगर स्थित कुष्ठ सेवा आश्रम में स्थानांतरित किए जाने की तैयारी चल रही है। अधिकारियों ने कुष्ठ आश्रम का निरीक्षण कर भवन देख लिया है। डीएम की अनुमति मिलते ही थाना शिफ्ट हो जाएगा।
दीपावली में मिलेगी पूर्वांचल के पहले ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र की सौगात
अब युवाओं को दक्ष वाहन चालक बनने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। वे गोरखपुर में ही विशेषज्ञ प्रशिक्षकों व अति आधुनिक उपकरणों के जरिये निपुण वाहन चालक बन जाएंगे। सरकार की पहल पर चरगांवा स्थित आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) परिसर में पूर्वांचल का पहला ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र (डीटीआइ) बनकर तैयार हो चुका है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) दीपावली तक परिवहन विभाग को हैंड ओवर कर देगा। 489.56 लाख रुपये की लागत से निर्मित डीटीआइ में कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकता है। प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम एक माह की अवधि निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण के साथ यातायात के नियमों की भी समुचित जानकारी दी जाएगी। लाइसेंस के अलावा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा। दूरदराज वाले प्रशिक्षुओं के लिए हास्टल की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रशिक्षु अपने घर से, या बाहर क्वार्टर लेकर या डीटीआइ में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। प्रशिक्षण के अलावा हास्टल में रहने वाले प्रशिक्षुओं के लिए नाश्ता और भोजन के नाम पर न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा। शुल्क का निर्धारण अभी नहीं हुआ है। 24 घंटे सीसी कैमरे से निगरानी होगी।
प्रशिक्षण के लिए तैयार हैं पांच आधुनिक ट्रैक
डीटीआइ में हल्के व भारी वाहनों के प्रशिक्षण के लिए पांच तरह के आधुनिक ट्रैक तैयार हैं। ट्रैक पर अभ्यर्थी ड्राइविंग की बारीकियां सीखेंगे। एक विशेषज्ञ वाहन के साथ रहेगा तो दूसरा कक्ष में बैठकर निगरानी करेगा। ट्रैक पर प्रशिक्षण के बाद कंप्यूटर सिस्टम पर भी अभ्यास कराया जाएगा।