ऑनलाइन पढ़ाई की राह में दुश्मन बन रहे नेटवर्क, अब क्या करें छात्र Gorakhpur News
गांव के अधिकांश लोगों के पास जियो कंपनी का सिम है लेकिन कमजोर नेटवर्क के चलते उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर ही नहीं गांव के भी बच्चे चाहते हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई करें, लेकिन नेटवर्क उनकी राह में दुश्मन के रूप में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। निजी कंपनियों में वह शिकायत करके थक चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं निकला। इस कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
कोरोना के चलते बंद हैं स्कूल और कालेज
कोरोना संक्रमण के चलते सभी स्कूल, कॉलेज बंद हैं। अधिकांश विद्यालयों में अब बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। इसे लेकर शुरुआत में ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र उत्साहित दिखे, लेकिन कुछ ही दिन में ये उत्साह ठंडा पड़ गया। कमजोर नेटवर्क के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र-छात्राएं ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ नहीं पा रहे हैं। खोराबार विकास खंड क्षेत्र के ग्राम कोनी निवासी अधिवक्ता अनुपम पांडेय बच्चों को पढ़ाते भी हैं। उनका कहना है कि कमजोर नेटवर्क के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही। गांव के अधिकांश लोगों के पास जियो कंपनी का सिम है, लेकिन कमजोर नेटवर्क के चलते उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है। कई बार लोग छत पर बेहतर नेटवर्क की चाह में छत पर चले जाते हैं और वहां ऑनलाइन पढ़ाई का प्रयास करते हैं। इसी गांव के ज्ञानेंद्र पांडेय कहते हैं कि पहले वह वोडाफोन का सिम प्रयोग करते थे। सिम बदला ताकि बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हो सकें, लेकिन फिर भी काम नहीं चल रहा है। यही स्थिति जंगल अयोध्या प्रसाद, सिक्टौर आदि क्षेत्रों की है। पीपीगंज विकास खंड क्षेत्र के ग्राम डाढ़ाडीह में भी नेटवर्क की दशा दयनीय है। इसके चलते बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है। ग्रामीण सत्येंद्र कुमार ने कहा कि नेटवर्क की दशा ठीक रहे तो तमाम बच्चों का भला हो जाए।
क्या कहते हैं कंपनी के अधिकारी
जियो कंपनी के डिप्टी डायरेक्टर अजय शुक्ल का कहना है कि अधिकांश गांवों का नेटवर्क बेहतर है। कहीं नेटवर्क गड़बड़ है तो उसकी जानकारी नहीं है। फिलहाल इसकी जानकारी ली जाएगी और देखा जाएगा कि गड़बड़ी किस स्तर पर है। वोडाफोन के एएसएम धीरज सिंह का कहना है कि कई साइटों पर काम चल रहा है। इससे संभव है कि कुछ स्थानों पर दिक्कत हो, लेकिन अधिकांश स्थानों पर वोडाफोन की सेवा बेहतर है। बीटीएस से एक किलोमीटर तक के रेंज में नेटवर्क बेहतर मिलता है।