पूर्वांचल में कहर बरपा रहींं नेपाल की नदियां, खतरे के निशान से ऊपर पहुंचीं कई नदियां Gorakhpur News
नेपाल में हुई बारिश का असर यूपी के तराई क्षेत्र में पड़ने लगा है। शुक्रवार को बारिश थम गई लेकिन दो दिनों तक हुई झमाझम बारिश से सभी पहाड़ी नदी पर नाले उफान पर आ गए। सिद्धार्थनगर में तीन नदियां खतरेे का निशान पार कर गई है।
सिद्धार्थनगर, जेएनएन। नेपाल के पहाड़ हुई बारिश का असर तराई क्षेत्र में दिखाई पड़ने लगा है। शुक्रवार को बारिश थम गई। लेकिन दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश से सभी पहाड़ी नदी पर नाले उफान पर आ गए। बूढ़ी राप्ती, कूड़ा व घोघी नदी खतर का निशान पार कर गई है। तेलार नाला भी लाल निशान के ऊपर बह रहा है।
कूड़ा नदी आलमनगर गेज पर लाल निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। 12 घंटे में 60 सेमी जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। बूढ़ी राप्ती के जलस्तर में 1.120 मीटर बढ़ोत्तरी हुई है। यह खतरे के निशान से 33 सेमी ऊपर है। घोघी केे स्तर में 25 सेमी बढ़ोत्तरी हुई है। यह लाल निशान से 45 सेमी ऊपर बह रही है। तेलार नाला का पानी 40 सेमी बढ़ा है। यह लाल निशान से 30 सेमी ऊपर पहुंच गया है। राप्ती भी तेजी से 1.06 मीटर बढ़ी है। जमुआर नाला तेजी से बढ़ने के बाद स्थिर हो गया है।
दर्ज हुई बारिश
गेज बारिश (मिमी)
बानगंगा 90
ककरही 91.06
बांसी 104.06
नदियों का जलस्तर-मीटर
नदी शुक्रवार गुरुवार खतरे का निशान
बानगंगा 92.000 93.300 93.420
राप्ती 83.750 82.720 84.900
बूढ़ी राप्ती 85.980 84.820 85.650
घोघी नदी 87.450 87.200 87.000
कूड़ा नदी 88.200 87.600 87.200
जमुआर 81.950 81.950 84.890
तेलार 87.800 87.400 87.500
नदियों के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। आलमनगर में कूड़ा नदी लाल निशान के ऊपर बह रही है। घोघी व बूढ़ी राप्ती भी खतरे के निशान पार कर गई हैं। राप्ती भी बढ़ाव पर है। तेलार नाला में पहाड़ का पानी आया है। बानगंगा बैराज के जलस्तर पर निगाह रखी जा रहा है। नेपाल प्रशासन से संपर्क किया गया है। - आरके नेहरा, अधिशासी अभियंता, ड्रेनेज खंड
कुशीनगर में भी बाढ़ का खतरा
नेपाल के वाल्मीकि नगर बैराज से तीन लाख 88 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कुशीनगर में बाढ़ का खतरा गहना गया है। अधिक पानी छोड़े जाने के कारण कुशीनगर जिले में नारायणी नदी फिर उफना गई है। खतरे के निशान से पांच सेमी नीचे बह रही नदी का पानी खड्डा तहसील के शाहपुर, विंध्याचलपुर, बसंतपुर, मरिचहवा, महदेवा सहित आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में घुस गया है। वहीं बसंतपुर से सोहगीबरवा जाने वाला मार्ग बाढ़ के पानी से डूब गया है। जलस्तर में भारी वृद्धि से 400 से अधिक मवेशी घिर गए हैं।