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देश के लिए मरने से ज्याद देश के लिए जीने वालों की आवश्यकता Gorakhpur News

RSS के शिवाजी राय ने कहा कि देश के लिए मरने से ज्याद देश के लिए जीने वालों की आवश्यकता है और स्‍वयंसेवक यही करता है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 01:42 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 01:42 PM (IST)
देश के लिए मरने से ज्याद देश के लिए जीने वालों की आवश्यकता Gorakhpur News
देश के लिए मरने से ज्याद देश के लिए जीने वालों की आवश्यकता Gorakhpur News

गाेरखपुर, जेएनएन। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ व्यक्ति निर्माण की कार्यशाला है। स्वयंसेवक का लक्ष्य है 'राष्ट्र काज किये बिना मोहे कहा विश्राम'। संकल्प, समर्पण और अनुशासन से ही कोई काम सफल होता है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा गोरखपुर में आयोजित शरद पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम में जन शिक्षा समिति के प्रदेश निरीक्षक शिवाजी राय ने कहीं।

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मरने से अधिक महत्‍वपूर्ण है देश के लिए जीना

उन्‍होंने कहा कि देश के लिए मरने से ज्याद देश के लिए जीने वालों की आवश्यकता है और संघ का स्वयंसेवक ही ऐसा हो सकता है। स्वयंसेवक मातृ वंदना करता है। मंदिर जाने वाले कोई ना कोई कामना लेकर जाते हैं। पर शाखा रूपी मंदिर पर जाने वाला स्वयंसेवक साधना करता है, मातृ वंदना करता है और खुद के लिए कोई अपेक्षा नही करता है। स्वयंसेवक मातृ भूमि भारत के संस्कृति संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। कहा कि आज पड़ोसी देश संघ के स्वयंसेवक से डरता है। संघ के ध्येय को देख कर वो घबराए व अचंभित हैं। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ पूरे समाज व मानवता के लिए संघर्ष करता है। देश पर किसी भी प्रकार की आपदा होने पर संघ का स्वयंसेवक सबसे पहले पहुचता है।

सनातन परंपरा का उदाहरण है शरद पूर्णिमा

भारत एक ऐसा देश है जहा अपने सनातन परंपरा को मान्यता देते हुए शरद पूर्णिमा के दिन अमृत रूपी खीर बनाते व खाते हैं। आज विज्ञान भी इसको मानने को तैयार है। विज्ञान कहता है कि आज के दिन चन्द्रमा धरती के बहुत नजदीक होता है, ऐसे में चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में मौजूद तत्व सीधे धरती पर आती हैं जिससे रखे गए प्रसाद (खीर) में चन्द्रमा से निकलने वाले लवण व विटामिन जैसे पोषक तत्व उसमे समाहित होता है। अब इससे यह बात सिद्ध होती है कि सनातन संस्कृति व परम्परा विज्ञान पर भी खरा उतर रहा फिर भी आज इस पर संकट है। इसलिए संघ के स्वयंसेवक सनातन संस्कृति, परम्परा व प्रकृति के सरक्षण को कटिबद्ध हैं।

शाखा भी लगी

शरद पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम में पहले शाखा लगाई गई फिर प्रार्थना के बाद रात्रि 12 बजे स्वयंसेवको ने खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इस अवसर पर नगर संघ चालक राजाराम, नगर कार्यवाह नन्द किशोर, शिवजी सिंह, ओम प्रकाश सिंह, शम्भू पांडेय, पुनीत पांडेय सहित सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे।


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