नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम फेल, रहिए सतर्क नहीं तो छूट जाएगी ट्रेन
नेशनल इंक्वायरी सिस्टम के भरोसे रहे तो आपकी ट्रेन छूट जाएगी। क्योंकि सही जानकारी ट्रेनों की नहीं मिल पा रही है
गोरखपुर : अगर आप सिर्फ नेट के भरोसे हैं तो आपकी ट्रेन छूट भी सकती है। बेहतर होगा कि रेलवे की अधिकृत वेबसाइटों, एप और नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीइएस) पर भी ट्रेन की टाइमिंग और प्लेटफार्म नंबर आदि को चेक कर मिलान कर लें। अधिकतर वेबसाइटों पर ट्रेनों का समय और प्लेटफार्म आदि अपडेट नहीं हो रहा। इसके चलते परेशानी बढ़ गई है।
रविवार को सुबह 4.45 बजे गोरखपुर से रवाना होने वाली गोरखपुर-अहमदाबाद एक्सप्रेस का प्लेटफार्म इंटरनेट पर नौ नंबर दिखा रहा था। इंटरनेट के भरोसे रहने वाले अधिकतर यात्री प्लेटफार्म नंबर नौ पर पहुंच गए। 4.30 बजे के आसपास जैसे ही घोषणा हुई कि ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक से रवाना होगी तो यात्रियों के होश उड़ गए। आननफानन यात्री भागकर प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचे। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग परेशान हुए। इस संबंध में स्टेशन प्रबंधन का कहना था कि ट्रेन का निर्धारित प्लेटफार्म नंबर तो एक ही है। वह निर्धारित प्लेटफार्म से ही छूटती है। तो गलती कहां हुई, यह एक बड़ा सवाल है। यात्रियों का कहना है कि आए दिन इस तरह की परेशानी होती है। वेबसाइटों पर अक्सर ट्रेनों की सही जानकारी नहीं मिल पाती। विभागीय जानकारों का कहना है कि समय से ट्रेनों का व्यौरा अपडेट नहीं होने से इस तरह की परेशानी आती है। स्पेशल ट्रेन तो वेबसाइटों से गायब ही होती हैं। स्पेशल ट्रेन की जानकारी तो स्टेशन पहुंचने के बाद भी नहीं हो पाती। पूछताछ काउंटर पर बैठे रेलकर्मी सही जानकारी नहीं दे पाते हैं। यही नहीं इंटरनेट पर ट्रेन गोरखपुर जंक्शन पहुंच जाती है लेकिन वास्तव में वह पास वाली कैंट, नकहा और डोमिनगढ़ में खड़ी रहती है। लंबी दूरी की गाड़ियों के गोरखपुर पहुंचने पर ट्रेनों का अंतिम अपडेट नहीं किया जाता है। इधर, ट्रेनों के विलंबन के दौरान स्थिति और खराब हो गई है। हालांकि, वेबसाइटों पर ट्रेनों की अपडेट जानकारी को लेकर रेलवे प्रबंधन सतर्क हुआ है। खुद रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने ट्रेनों की फीडिंग अपडेट करने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी कर दिया है। यही नहीं गोरखपुर सहित सभी प्रमुख स्टेशनों पर डाटा लागर लगाए जा रहे हैं। इस कंप्यूटर सिस्टम से हर पल वेबसाइटों पर गाड़ियों के संचलन की जानकारी अपडेट हो रही है। ट्रेनों की सही फीडिंग के लिए इंटरचेंज प्वाइंटों पर भी डाटा लागर लगाए जा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में कई स्टेशनों पर ट्रेनों के समय आदि की गलत फीडिंग के मामले पकड़े जा चुके हैं।