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शौचालय होता तो बच जाती नेशनल एथलीट बेबी Gorakhpur News

स्वच्छ भारत अभियान की निगरानी व्यवस्था का गंभीरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दो वर्ष पहले हुए सर्वे में टीम ने बेबी के पिता हरिलाल का नाम शामिल ही नहीं किया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 12:46 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 12:46 PM (IST)
शौचालय होता तो बच जाती नेशनल एथलीट बेबी Gorakhpur News
शौचालय होता तो बच जाती नेशनल एथलीट बेबी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जनपद के मदनपुर थाना क्षेत्र के गनियारी गांव निवासी राष्ट्रीय एथलीट बेबी यादव की मौत ने स्वच्छ भारत अभियान की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि पात्र होने के बाद बेबी के घर में शौचालय क्यों नहीं बना? शौचालय न होने के कारण ही बेबी को सुबह तालाब की तरफ जाना पड़ा और पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई।

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स्वच्छ भारत अभियान की निगरानी व्यवस्था का गंभीरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दो वर्ष पहले हुए सर्वे में टीम ने बेबी के पिता हरिलाल का नाम शामिल ही नहीं किया। विकास भवन से जारी सूची में हरिलाल का नाम न देखकर प्रधान ने संशोधन के लिए भेजा तो भी नाम शामिल नहीं हुआ। अंतत: हरिलाल के घर में शौचालय नहीं बना। बेबी शौच के लिए तालाब की तरफ गई और फिसलकर गिर जाने के बाद डूबने से उसकी मौत हो गई।

पोस्टमार्टम से पुष्टि, पानी में डूबने से मौत

बेबी की मौत पानी में डूबने से हुई है। मदनपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक श्यामलाल यादव ने बताया कि पोस्टमार्टम में पानी में डूबने से मौत होने की पुष्टि हुई है। एक निजी स्कूल में परिचारक पिता हरिलाल और मां लालमती होनहार बेटी की मौत से बेहाल हैं। घर का कोई सदस्य पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंचा था। ग्रामीणों ने ही सभी को संभाला। पड़ोसी मनोज यादव ने कहा कि छह भाई बहनों में सबसे छोटी बेबी की प्रतिभा देखकर पूरे गांव ने सपना देखा था। वह हमेशा बड़ा सोचती थी। उसके स्कूल अनंत आदर्श इंटर कालेज के प्रधानाचार्य शिवानंद का कहना है कि बेबी गांव का नाम राष्ट्रीय फलक पर ले जाना चाहती थी। उसका सपना अधूरा रह गया।

इसी वर्ष पास की थी दसवीं की परीक्षा

बेबी यादव जूनियर वर्ग में जिला चैंपियन थी। वर्ष 2017 में विशाखापत्तनम में हुई 15वीं और 2018 में तिरुपति में हुई 16वीं नेशनल इंटर डिस्ट्रिक्ट जूनियर एथलेटिक्स मीट में भाग लिया था। इसी वर्ष हाईस्कूल भी पास किया।

क्या कहते हैं प्रधान, सचिव और अधिकारी

गनियारी गांव के ग्राम प्रधान गुड्डू यादव का कहना है किसर्वे सूची में नाम न होने के कारण हरिलाल को शौचालय निर्माण के लिए सहायता नहीं दी जा सकी। सूची संशोधन के लिए नाम भेजा है। वहीं ग्राम पंचायत के सचिव आलोक सिंह का कहना है कि जिनके पास शौचालय नहीं थे, सर्वे के समय उनका आधार मांगा गया था। जिसने आधार नहीं दिया, उसका नाम शामिल नहीं हो हुआ। जिला विकास अधिकारी एवं प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकृष्ण पांडेय का कहना है कि सर्वे सूची में बेबी यादव के पिता का नाम क्यों नहीं आया, इसकी जांच कराई जाएगी। जो दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी। 


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