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नारायणी नदी कर रही कटान, स्पर के स्लोप का 20 मीटर हिस्सा नदी में विलीन

घटते डिस्चार्ज को हथियार बना कुशीनगर में नारायणी नदी कटान को अंजाम दे रही है। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में स्थित एपी बांध के किमी 12.860 बाघाचौर के नोनिया पट्टी में कटान से स्पर का आठ मीटर स्लोप कट गया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 10:30 AM (IST)
नारायणी नदी कर रही कटान, स्पर के स्लोप का 20 मीटर हिस्सा नदी में विलीन
एपी बांध के नोनिया पट्टी में कटे स्पर के स्लोप के बचाव कार्य में जुटे कामगार। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : अपनी प्रकृति के मुताबिक घटते डिस्चार्ज को हथियार बना कुशीनगर में नारायणी नदी कटान को अंजाम दे रही है। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में स्थित एपी बांध के किमी 12.860 बाघाचौर के नोनिया पट्टी में कटान से स्पर का आठ मीटर स्लोप कट गया। विभाग बोरे में मिट्टी डालकर व गैवियान के माध्यम से बचाव कार्य में जुटा था, लेकिन विभाग की यह कवायद काम नहीं आई। बीस मीटर भाग और कट गया।

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जलस्‍तर में वृद्धि होने से बांध पर दबाव कायम

जलस्तर में पांच सेमी की वृद्धि होने से बांध पर दबाव बदस्तूर कायम है। वाल्मीकि नगर बैराज से 1.69 लाख क्यूसेक के सापेक्ष डिस्चार्ज 1.45 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर पांच सेमी की वृद्धि के साथ 75.15 मीटर पर पहुंच गया। नदी खतरे के निशान 76.20 मीटर से 1.05 मीटर नीचे बह रही है। बांध के किमी 17 अहिरौलीदान के कचहरी टोला, किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। कचहरी टोला, नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर स्लोप पर बचाव कार्य चल रहा है।

पानी में डूबी फसलें हो रही हैं बर्बाद

दूसरी ओर नदी का पानी खेत में उतरने से पिछले एक माह से पानी में डूबी फसलें बर्बाद हो रही हैं। इससे इतर बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह का दावा है कि युद्ध स्तर पर स्पर का बचाव कार्य चल रहा है। स्थिति नियंत्रण में है, अभी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। बांध पूरी तरह सुरक्षित है।

बारिश से एस्वेस्टस गिरा, बाल-बाल बचे लाेग

पटहेरवा थाना के रहसू जनूबी पट्टी गांव में हवा के साथ हो रही तेज बारिश से एस्वेेस्टस की छत जमीन पर आ गिरी। संयोग ठीक रहा कि परिवार का कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ। एक छोटी बच्ची को हल्की चोटें आईं। कुनबा खुले आसमान के नीचे आ गया है। परिवार व ग्रामीणों ने प्रशासन से तात्कालिक सहायता की मांग की है। गांव के लल्लन शर्मा को 10 वर्ष पूर्व आवास के लिए 25 हजार रुपये मिले थे।

धन के अभाव में नहीं डाली जा सकी छत

किसी तरह दीवार खड़ी हो सकी। धन के अभाव में छत नहीं डाली जा सकी। एस्वेस्टस डाल कर परिवार रह रहा था। रात लगभग 12 बजे आई तेज बारिश व हवा के चलते वह भी जमीन पर आ गिरा। लल्लन की छोटी बच्ची अमृता के हाथ में हल्की चोट लगी है। बाकी सदस्य बच गए। ग्राम प्रधान पूनम देवी ने बताया कि लेखपाल को सूचित कर दिया गया है। पीड़‍ित को सहायता दिलाई जाएगी।


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