कुशीनगर में पहुंचे म्यांमार के पर्यटक, गणेश स्तुति कर किया मंत्रमुग्ध
म्यांमार के पर्यटक जब पहुंचे तो उन्होंने मीठे स्वर में गणेश स्तुति की। कहा कि भारत की भक्ति गीत और भजन-कीर्तन में गजब का आकर्षण है।
By Edited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 08:30 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 09:54 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। भारत की भक्ति गीत और भजन-कीर्तन दुनिया के तमाम देशों में लोकप्रिय है। भारत से विदेश जाने वालों की बात ही अलग है, विदेशी भी प्रार्थना गीता और भजनों के कायल हैं। वह चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी क्यों न हो, भजन और कीर्तन उन्हें भारतीय ही अच्छी लगती है। दक्षिण-पूर्व एशिया के अनेक बौद्ध देशों में भगवान बुद्ध की पूजा के साथ-साथ तमाम लोग हिंदू मंदिरों में भी जाते हैं और हिंदू देवी-देवताओं की बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजन-अर्चन करते हैं। कुशीनगर में म्यांमार से आईं महिला पर्यटकों ने शुक्रवार को जय गणेश-जय गणेश देवा..गणेश स्तुति लय के साथ जब गाना शुरू किया तो वहां मौजूद लोग अचंभित रह गए।
उनके लयबद्ध स्वर की गूंज ने लोगों को स्वर में स्वर मिलाना शुरू कर दिया। देखने वाले भी मंत्रमुग्ध हो गए। इन्हें सुनने के लिए काफी लोग एकत्रित हो गए और उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। यहां के भजनों में गजब का आकर्षण भजन-कीर्तन के बाद म्यांमार के पर्यटकों ने बताया कि भजन गाकर हमें काफी सुख और शांति की अनुभूति होती है। हम लोग भी ¨हदू देवी-देवताओं के प्रति काफी श्रद्धा भाव रखते हैं। भारतीय भजन और कीर्तन में इतना आकर्षण है कि उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। इसके सुनने मात्र से अजीब तरह की शांति और सुख की अनुभूति होती है।
उन्होंने बताया कि इसी आकर्षण के कारण हम लोगों ने ¨हदू समुदाय के लोगों से भजन-कीर्तन करना सीखा। बौद्ध धर्म भारत से म्यांमार में पहुंचा है। दोनों देशों की संस्कृतियों और रीति-रिवाज में काफी हद तक समानता है। यही कारण है कि भारत और म्यांमार के बीच प्राचीन काल से मैत्री संबंध हैं। भविष्य में भी यह संबंध बना रहेगा।
उनके लयबद्ध स्वर की गूंज ने लोगों को स्वर में स्वर मिलाना शुरू कर दिया। देखने वाले भी मंत्रमुग्ध हो गए। इन्हें सुनने के लिए काफी लोग एकत्रित हो गए और उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। यहां के भजनों में गजब का आकर्षण भजन-कीर्तन के बाद म्यांमार के पर्यटकों ने बताया कि भजन गाकर हमें काफी सुख और शांति की अनुभूति होती है। हम लोग भी ¨हदू देवी-देवताओं के प्रति काफी श्रद्धा भाव रखते हैं। भारतीय भजन और कीर्तन में इतना आकर्षण है कि उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। इसके सुनने मात्र से अजीब तरह की शांति और सुख की अनुभूति होती है।
उन्होंने बताया कि इसी आकर्षण के कारण हम लोगों ने ¨हदू समुदाय के लोगों से भजन-कीर्तन करना सीखा। बौद्ध धर्म भारत से म्यांमार में पहुंचा है। दोनों देशों की संस्कृतियों और रीति-रिवाज में काफी हद तक समानता है। यही कारण है कि भारत और म्यांमार के बीच प्राचीन काल से मैत्री संबंध हैं। भविष्य में भी यह संबंध बना रहेगा।
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