कितना बदनशीब है जफर, दफ्न के लिए दो गज जमीं भी न मिली कूंचे यार में...Gorakhpur News
हिंदू लड़के के घर ब्याह कर आयी मुस्लिम लड़की को न आग मिली न ही कब्रिस्तान में जगह। उसे उसके पिता के खेत में दफन कर दिया गया।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 07:45 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 03:07 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। 'कितना बदनशीब है जफर, दफ्न के लिए दो गज जमी भी न मिली कूंचे यार में' दो धर्मों के युवक-युवती की शादी के बाद पत्नी की मौत ने बहादुरशाह जफर की इन पंक्तियों को यहां सार्थक कर दिया। हिंदू लड़के के घर ब्याह कर आयी मुस्लिम लड़की को न आग मिली न ही कब्रिस्तान में जगह। उसे उसके पिता के खेत में दो गज जमीन में दफन कर दिया गया।
गोरखपुर के बहरामपुर गांव के एक हिंदू युवक दीना यादव ने साल भर पहले मुस्लिम समुदाय के लड़की रुखसाना से प्रेम विवाह किया था। विवाह के बाद दोनों मुंबई में जाकर रहने लगे। कुछ दिन पहले दोनो वापस गांव आ गए थे। तीन माह पहले रुखसाना ने एक बच्ची को जन्म दिया। 10 दिन पहले रुखसाना की तबियत अचानक खराब हो गई। पति दीना यादव ने गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में रुखसाना का इलाज कराया। सोमवार को भोर में अचानक रुखसाना का तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी और हॉस्पिटल में ही उसकी मौत हो गयी।
रुखसाना का शव लेकर दीना अपने गांव बहरामपुर पहुंचा और हिंदू परिवार ने मुस्लिम लड़की को सम्मान देते हुए जलाने की जगह दफन करना मुनासिब समझा। रुखसाना के पिता इदरीश ने गांव के कब्रिस्तान में शव के दफनाने के लिए जब गड्ढे खोदने गए तो मुस्लिम समुदाय के लोग इनका विरोध कर दिया और कहा कि हिंदू बिरादरी के लड़के से विवाह करने के बाद इसकी मृत्यु हुई है इस लिए हम लोग इस के शव को कब्रिस्तान में दफनाने नहीं देंगे। इसके बाद इदरीश ने अपने खेत में गड्ढा खोदकर हिंदू समुदाय के लोगों के साथ अपनी पुत्री रुखसाना को दफना दिया।
गोरखपुर के बहरामपुर गांव के एक हिंदू युवक दीना यादव ने साल भर पहले मुस्लिम समुदाय के लड़की रुखसाना से प्रेम विवाह किया था। विवाह के बाद दोनों मुंबई में जाकर रहने लगे। कुछ दिन पहले दोनो वापस गांव आ गए थे। तीन माह पहले रुखसाना ने एक बच्ची को जन्म दिया। 10 दिन पहले रुखसाना की तबियत अचानक खराब हो गई। पति दीना यादव ने गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में रुखसाना का इलाज कराया। सोमवार को भोर में अचानक रुखसाना का तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी और हॉस्पिटल में ही उसकी मौत हो गयी।
रुखसाना का शव लेकर दीना अपने गांव बहरामपुर पहुंचा और हिंदू परिवार ने मुस्लिम लड़की को सम्मान देते हुए जलाने की जगह दफन करना मुनासिब समझा। रुखसाना के पिता इदरीश ने गांव के कब्रिस्तान में शव के दफनाने के लिए जब गड्ढे खोदने गए तो मुस्लिम समुदाय के लोग इनका विरोध कर दिया और कहा कि हिंदू बिरादरी के लड़के से विवाह करने के बाद इसकी मृत्यु हुई है इस लिए हम लोग इस के शव को कब्रिस्तान में दफनाने नहीं देंगे। इसके बाद इदरीश ने अपने खेत में गड्ढा खोदकर हिंदू समुदाय के लोगों के साथ अपनी पुत्री रुखसाना को दफना दिया।
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