भूमि विवाद में दंपती को पीटा, पति की मौत Gorakhpur News
पति और पत्नी को लाठी-डंडे से बुरी तरह पीट दिया। उसके बाद फरार हो गए। हमलावरों के भागने के बाद घायल के परिजन मौके पर पहुंचे। घायल दोनो को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। डीह की भूमि पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में गांव के ही आरोपितों ने लाठी-डंडे से पीटकर दंपती को गंभीर रूप से घायल दिया। जिसमें पति की हालत बिगडऩे पर परिजन उन्हें लखनऊ ले जा रहे थे तभी रास्ते में उसने दमतोड़ दिया। घटना से आक्रोशित परिजनों ने झंगहा थाने में शव रखकर जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दो आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
डीह की भूमि को लेकर हुआ था विवाद
जानकारी के अनुसार बरगदवा गांव में डीह की भूमि है। उक्त भूमि पर सोनू पक्ष के लोग कब्जा करने पहुंचे तो बेचन (45) और उनकी पत्नी यशोधरा (44) ने विरोध किया। इससे आक्रोशित सोनू ने तीन साथियों के साथ मिलकर बेचन और यशोधरा पर हमला कर दिया। पति और पत्नी को लाठी-डंडे से बुरी तरह पीट दिया। उसके बाद फरार हो गए। हमलावरों के भागने के बाद घायल के परिजन मौके पर पहुंचे। गंभीर रूप से घायल दोनो को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान हालत में सुधार न होने पर डॉक्टर ने बेचन को लखनऊ रेफर कर दिया लेकिन लखनऊ ले जाते समय रास्ते में ही बेचन ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद परिजन आक्रोशित हो गए।
चार लोगों पर मुकदमा
झंगहा थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के पुत्र भीम की तहरीर पर सोनू और मोनू समेत चार लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर दो आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बेचन की बच सकती थी जान
डीह की भूमि पर कब्जे को लेकर गत 21 दिसंबर को भी बरगदवा गांव निवासी बेचन व उनकी पत्नी यशोधरा समेत परिवार के सात सदस्यों पर हमला हुआ था। सोनू पक्ष के लोगों द्वारा किए गए हमले में बेचन (45), यशोधरा (44), राम कयास (43), सुभावती (40), मुकेश (45) , सूरज (18), अर्जुन (20) घायल हुए थे। इस मामले में बेचन के पुत्र भीम की तहरीर पर झंगहा पुलिस ने गांव के ही सोनू, मोनू, जीवन समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था पर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इससे हमलावरों का हौसला बढ़ा था। सोनू समेत सभी आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की होती तो गुरुवार को बेचन की हत्या नहीं होती।