सरकारी अस्पताल में मौत हुई तो नगर निगम नहीं देगा प्रमाण पत्र Gorakhpur News
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि सभी सरकारी अस्पतालों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। सरकारी अस्पताल में जन्म या मृत्यु होने पर नगर निगम प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा। सरकारी अस्पतालों को ही अनिवार्य रूप से यह प्रमाण पत्र जारी करना होगा। क्षेत्र के निजी अस्पतालों या घर में होने वाले जन्म व मृत्यु का ही प्रमाण पत्र नगर निगम संबंधित वार्ड के सुपरवाइजर की संस्तुति पर देगा। नगर निगम प्रशासन ने प्रमाण पत्र जारी करने के नियमों को और सख्त करने की तैयारी की है।
वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था में बदलाव किया था। इसके तहत सरकारी अस्पतालों में जन्म या मृत्यु होने पर वहीं प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश हैं। ज्यादातर अस्पताल इन निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन नहीं कर रहे हैं। ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी करने के नियम के बावजूद हस्तलिखित प्रमाण पत्र देने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं जिला अस्पताल से तो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किए जा रहे हैं।
इसलिए जरूरी है प्रमाण पत्र
मृत्यु प्रमाण पत्र के बिना पेंशन, जमीन का मालिकाना हक ट्रांसफर, नामांतरण, बैंकों में नॉमिनी के नाम पर रकम निकालने, अनुकंपा नियुक्ति, मुआवजा समेत कई जरूरी काम नहीं होते। जन्म प्रमाण पत्र के बिना स्कूलों में दाखिला नहीं होता, बीमा कराने के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है।
ऑनलाइन जारी हो रहे जन्म और मृत्यु प्रमाण
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश रस्तोगी का कहना है कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में भी प्रमाण पत्र बन रहे हैं। नागरिकों की सहूलियत के लिए जहां दिक्कत हो रही है वहां के प्रमाण पत्र सुपरवाइजरों की संस्तुति पर दिए जा रहे हैं। सभी को बताया जा रहा है कि क्षेत्र के निजी अस्पतालों या घर में जन्म व मृत्यु होने पर ही नगर निगम से ऑनलाइन प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
सरकारी अस्पतालों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि सभी सरकारी अस्पतालों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी अस्पताल में प्रमाण पत्र जारी नहीं होता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई मृत अवस्था में अस्पताल लाया जाता है तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं करते हैं।