नगर निगम : आज पेश होगा 4.70 अरब का बजट, तय होगा गोरखपुर के विकास का खाका Gorakhpur News
गोरखपुर नगर निगम की कार्यकारिणी में मंगलवार को वर्तमान वित्तीय वर्ष का पुनरीक्षित और अगले वित्तीय वर्ष का बजट रखा जाएगा। इस बार सबसे ज्यादा 4.70 अरब का बजट पेश किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम की कार्यकारिणी में मंगलवार को वर्तमान वित्तीय वर्ष का पुनरीक्षित और अगले वित्तीय वर्ष का बजट रखा जाएगा। इस बार सबसे ज्यादा 4.70 अरब का बजट पेश किया जाएगा। नगर निगम के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा। शहर को राज्य स्मार्ट सिटी में शामिल करने के बाद हर साल 50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट भी मिलेगा। जनहित को ध्यान में रखकर बना यह बजट जनता को कितना फायदा देगा इस मुद्दे पर पूर्व महापौर और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि बजट के पाई-पाई रुपये से जनहित का जो भी काम हो वह ठोस हो। सड़कें, नालियां जो भी बनें वह इतनी अच्छी हों कि कई साल तक इनकी तरफ न देखना पड़े।
नगर आयुक्त पेश करेंगे बजट
नगर निगम का पुनरीक्षित और अगले वित्तीय वर्ष का बजट मंगलवार को महापौर की अनुमति से नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह पेश करेंगे। पांच मार्च को बजट नगर निगम के सदन में रखा जाएगा।
यह है नगर निगम का बजट
वर्ष धन
2013 168
2014 208
2015 332
2016 280
2017 265
2018 311
2019 356
नोट- आंकड़े करोड़ में हैं
जन प्रतिनिधियों ने कहा
नगर निगम जनहित के कार्य में जुटा है। सड़क, नाली, पानी, जलभराव से मुक्ति के साथ ही साफ व स्वच्छ शहर की दिशा में हमारी प्रगति शानदार है। ज्यादातर सड़कें सीसी और नालियां आरसीसी बनवा रहे हैं। इससे इन पर अगले 20-25 साल तक कोई काम नहीं कराना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भरपूर सहयोग मिलने से काम आसान हो गया है। - सीताराम जायसवाल, महापौर
शहर में काफी काम हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान सड़कों और नालियों पर देना होगा। सड़कें सीसी और नालियां आरसीसी बनाई जाएं। यदि बजट कम है तो पार्ट में सीसी सड़कें बनाई जाएं। डामर सड़कों की जिंदगी कम होती है, यह बार-बार टूटती रहती हैं। इससे बजट का बड़ा हिस्सा सड़क पर ही खर्च करना पड़ता है। - अंजू चौधरी, पूर्व महापौर
शहर से सटे बाहरी क्षेत्रों के विकास कार्यों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। जलभराव की समस्या दूर कराने के लिए मैंने कई जगह नाले और संपवेल बनवाए। अच्छी सड़कों के साथ ही जलभराव दूर कराने के लिए अच्छी नालियां बननी जरूरी हैं। पथ प्रकाश और शुद्ध पेयजल पर भी ध्यान देने की जरूरत है। - डॉ. सत्या पांडेय, पूर्व महापौर
नगर निगम प्रशासन को ड्रेनेज सिस्टम में सुधार करना होगा। सीवर पाइपलाइन बिछाने के साथ ही बारिश शुरू होने से पहले पंपिंग स्टेशनों की मरम्मत करनी होगी। क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक कराने के साथ ही जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए कार्य योजना बनानी होगी। पार्कों के सुंदरीकरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी बजट खर्च करना होगा। - बिपिन सिंह, विधायक ग्रामीण विधानसभा
जलनिकासी का समाधान होने के बाद सड़कें बननी चाहिए। बिना नालियों की लेवलिंग किए बेतरतीब तरीके से नाली, नाले व सड़कें बनाई जा रही हैं। काम अच्छा न होने के कारण नागरिकों को फायदा नहीं मिलता है। सड़कों की क्वालिटी इतनी खराब है कि वह छह से 12 महीने चल जाएं यही बहुत है। - डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, नगर विधायक
विपक्षी पार्षद बोले
सड़कें जर्जर हैं। नगर निगम के पास बजट नहीं है इसलिए सीसी सड़क के किनारे ईंट का खड़ंजा बिछाया जा रहा है। विपक्षी दलों के पार्षदों के वार्डों में विकास कार्यों की अनदेखी की जा रही है। - जियाउल इस्लाम, पार्षद मुफ्तीपुर, सपा
बजट की छोडि़ए नगर निगम के बारे में कुछ बोलो तो निशाने पर आना तय है। हमारे वार्ड में काम नहीं के बराबर है। शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, कोई देखने वाला नहीं है। - संजीव सिंह, पार्षद शेषपुर, कांग्रेस
हमारे वार्ड में विकास कार्य हो रहे हैं लेकिन पथ प्रकाश की व्यवस्था ठीक नहीं है। पानी की आपूर्ति भी नहीं हो रही है। शहर में अब भी जनता से जुड़े कार्य कराने की गति काफी धीमी है। - रामलवट, पार्षद गोपलापुर, बसपा