कौमी एकता की मशाल रोशन कर रहा नन्हा मोहम्मद चांद
बाबा गोरखनाथ और योगी आदित्यनाथ में बालक मोहम्मद चांद की आस्था और भरोसा भारतीय संस्कृति और वसुधैव कुटुम्बकम के भाव का नया आसमान है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेले का आकर्षण चरम पर है। इस मेले का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि सामाजिक समरसता और सौहार्द के ताने-बाने को यह और भी मजबूत बनाता है। गोरखनाथ मंदिर परिसर के मेला प्रांगण में आज से नहीं बल्कि दशकों से बड़ी तादात में मुस्लिम और दलित समाज से जुड़े लोग छोटी-मोटी दुकानें लगाते रहे हैं, जो उनके जीविकोपार्जन का जरिया बना हुआ है।
बाबा गोरखनाथ और योगी आदित्यनाथ में बालक मोहम्मद चांद की आस्था और भरोसा भारतीय संस्कृति और वसुधैव कुटुम्बकम के भाव का नया आसमान है। करीब आठ साल पहले भूले-भटके गाजीपुर का यह बालक मोहम्मद चांद गोरखनाथ मंदिर आया था, तबसे यहीं का होकर रह गया। शुरुआती वर्षों में वह यहां पर चाय की दुकान में काम करता था, लेकिन इस बार मेले में उसने खुद के कमाए पैसे से कप-प्लेट का एक ठेला लगाया है।
बकौल चांद दिनभर में वह करीब आठ सौ से हजार रुपये का सामान बेच लेता है। उसने बताया कि ठेला लगाने से पहले वह मंदिर में बाबा का दर्शन जरूर करता है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही दुकान सजाता है। उसे लगता है कि इससे व्यवसाय में बरकत भी होती है। बाबा गोरखनाथ में आस्था रखने वाला बालक मोहम्मद चांद कोई अकेला मुस्लिम बच्चा नहीं है। मेला परिसर में न जाने कितने अशफाक, सादाब, परवेज, करीम, रहीम, सुलेमान और सलमान कौमी एकता की मशाल को रोशन कर रहे हैं।