गोरखपुर में मीटर बदलकर रीडिंग उड़ाने के खेल पर लगी रोक, अब पांच से नौ किलोवाट तक के कनेक्शन के मीटर की होगी एमआरआइ
गोरखपुर मंडल में बिजली कर्मचारियों की मिलीभगत से मीटर बदलकर रीडिंग उड़ाने के खेल पर रोक लगा दी गई है। अब यहां पांच से नौ किलोवाट तक के कनेक्शन के मीटर की एमआरआइ जांच होगी। ऐसे में कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले में मीटर बदलकर रीडिंग उड़ाने के खेल पर रोक लगा दी गई है। अब पांच से नौ किलोवाट तक के कनेक्शन पर लगे मीटरों की मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआइ) जांच की जाएगी। यदि मीटर खराब है तो इसे बदलने के लिए अधीक्षण अभियंता की लिखित अनुमति लेनी होगी। महानगर में 15 सौ से ज्यादा मीटरों की एमआरआइ हो चुकी है। मंडल में पांच से नौ किलोवाट के 11 हजार कनेक्शन हैं।
कर्मचारियों की मिलीभगत से होता है खेल: बिजली निगम के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से मीटर बदलने का खेल होता है। इसमें मीटर में रीडिंग ज्यादा स्टोर होने के बाद उसे खराब दिखाकर नया मीटर लगा दिया जाता है। मीटर में चली रीडिंग का जिक्र नहीं किया जाता है। इससे निगम को लाखों रुपये का नुकसान होता है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विद्याभूषण ने इस खेल को तत्काल रोकने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद मुख्य अभियंता अशोक कुमार सिंह ने सभी अधीक्षण अभियंताओं और अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी हाल में बिना अनुमति मीटर न बदलने दें।
छह महीने में होगी एमआरआई: पांच से नौ किलोवाट तक के कनेक्शन का बिल बनाने के पहले एमआरआई की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपी गई है। इसका परिणाम प्रबंध निदेशक कार्यालय को भी भेजा जाएगा। रिपोर्ट में लोड, रीडिंग व करंट का हर छह महीने का ब्योरा रहेगा। इससे पता चलेगा कि मीटर में कोई छेड़छाड़ या तकनीकी खराबी तो नहीं है। मीटर उतारते समय की वीडियोग्राफी भी करायी जाएगी।
छह हजार कनेक्शन हैं शहर में: अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने बताया कि महानगर में छह हजार कनेक्शन पांच से नौ किलोवाट तक के हैं। इनकी एमआरआई जांच शुरू हो गई है। अब तक 15 सौ से ज्यादा मीटरों की जांच हो चुकी है। जो मीटर खराब मिल रहे हैं उनको बदलने के लिए परीक्षण खंड की ओर से पत्र आता है। इसके बाद अनुमति दी जाती है।
मुख्य अभियंता अशोक कुमार सिंह ने बताया कि पांच से नौ किलोवाट तक के कनेक्शन पर लगे मीटरों की एमआरआई जांच अनिवार्य कर दी गई है। इन कनेक्शन के मीटरों को बदलने से पहले अधीक्षण अभियंता की अनुमति लेनी होगी। सभी अभियंताओं को इसके बारे में बता दिया गया है।