गर्लफ्रेंड को देना था महंगा फोन इसलिए बना हत्यारा, मां-बेटी को पिलाई शराब; फिर हथौड़े से किए ताबड़तोड़ वार
एक युवक गर्लफ्रेंड को महंगा फोन देने के लिए हत्यारा बन गया। उसने मां-बेटी को शराब पिलाई और हथौड़े से वार कर उनकी हत्या कर दी। आरोपी ने लूट के इरादे से ...और पढ़ें

परिवार के करीबी रेलकर्मी के बेटे ने की थी मां–बेटी की हत्या। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, गोरखपुर । घोषीपुरवा में मां-बेटी की हत्या का शाहपुर पुलिस ने 11 दिन बाद पर्दाफाश कर लिया। वारदात किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि परिवार के ही बेहद करीबी युवक रितेश रंजन उर्फ रजत ने की थी। वह घर के सामने रहने वाले सेवानिवृत्त रेलकर्मी रामअधारे का बेटा है और विमला को बुआ कहकर बुलाता था।
इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए उसने लूट की नीयत से दोनों की हत्या कर दी। घटना वाली रात उसने शांति देवी और उनकी बेटी विमला को शराब पिलाई, नशे में होने पर हथौड़े से वार कर उनकी हत्या की और घर में रखा लगभग 4.50 लाख रुपये नकद और सोने का ब्रेसलेट उठा ले गया। आरोपित की निशानदेही पर नकदी, गहने व रुपये के अलावा घटना में प्रयुक्त हथौड़ा बरामद हुआ।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने शनिवार की दोपहर पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आवास विकास कालोनी में रहने वाला रजत पढ़ाई के साथ ही प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था। पिछले कुछ महीनों से आर्थिक दबाव में था। उधार, आनलाइन एप की किश्त और गर्लफ्रेंड पर अत्यधिक खर्च के कारण वह तनाव में था।
लूट की रकम से उसने 1.50 लाख का मोबाइल फोन गर्लफ्रेंड को खरीदा, दो लाख रुपये उसके पिता को दिए और 50 हजार अपने पिता को यह कहकर दिए कि प्रापर्टी डीलिंग से कमाए हैं। जांच शुरू से ही बेहद चुनौतीपूर्ण थी। हथौड़ा कपड़े में लिपटा होने से उस पर फिंगरप्रिंट नहीं मिले। घर में जबरन घुसपैठ के निशान नहीं थे, जिससे बाहरी हमलावर की संभावना कमजोर पड़ रही थी। पुलिस ने इलाके के 800 सीसी कैमरों की फुटेज, 200 मोबाइल फोन नंबरों की डिटेल व मोहल्ले में रहने वाले 12 से अधिक परिवार के लगभग दर्जनों लोगों से पूछताछ की।
मोबाइल फोन में विमला का ब्रेसलेट व रुपये की गड्डी बनाने का वीडियो
गोरखपुर : आरोपित रजत की लोकेशन, मोबाइल पैटर्न और खर्च सामने आने के बाद शुक्रवार की रात में उसे हिरासत में लिया गया। मोबाइल फोन चेक करने पर विमला का ब्रेसलेट व रुपये की गड्डी बनाने का वीडियो मिला। पूछताछ में वह टूट गया और पूरे घटनाक्रम को स्वीकार कर लिया। देर रात उसकी निशानदेही पर पुलिस ने गलवाए गए सोने के गहनों का हिस्सा भी बरामद किया।
घटना के बाद मुकदमा दर्ज कराने वाली शांति देवी की बड़ी बेटी सुशीला दो दिन तक रामअधारे (रजत के पिता) के घर ही रही थीं। बाद में वह जौनपुर चली गईं। उसने भी रिपोर्ट में लूट की आशंका जताई थी, लेकिन कातिल परिवार के बिल्कुल करीब खड़ा होगा, यह किसी ने नहीं सोचा था। एसपी सिटी ने कहा कि हत्यारा घर की दिनचर्या, कमजोरियों और नकदी की स्थिति से परिचित था। उसने इसी जानकारी का फायदा उठाकर बेहद योजनाबद्ध ढंग से वारदात को अंजाम दिया। दोपहर बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।
23 नवंबर की रात में हुई थी हत्या
घोषीपुरवा में रहने वाली शांति व उनकी अविवाहित बेटी विमला की 23 नवंबर की रात घर में हथौड़े से हमला कर हत्या कर दी गई। अगले दिन देर शाम तक घर से बाहर न निकलने पर रामा फर्नीचर जहां विमला काम करती थी उसके मालिक ने खोजबीन शुरू की। संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी गई। रात में नौ बजे शाहपुर पुलिस पहुंची तो कमरे में फर्श पर मां-बेटी का शव पड़ा था। इस मामले में शांति देवी की बड़ी बेटी ने अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

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