दो दिन बंद हो गई थीं अधिकतर फैक्ट्रियां, शुरू हुआ उत्पादन Gorakhpur News
शासन के निर्देश के अनुसार ग्रामीण व शहर क्षेत्र की सभी औद्योगिक इकाइयों को संचालित करने की अनुमति थी लेकिन ऊहापोह के कारण शनिवार को उत्पादन बंद कर दिया गया था।
गोरखपुर, जेएनएन। शासन की ओर से लागू 55 घंटे के प्रतिबंध में बंद हुईं अधिकतर औद्योगिक इकाइयों में सोमवार से उत्पादन शुरू हो गया है। अवकाश से कामगार लौट आए हैं। हर जगह मांग के अनुरूप उत्पादन हो गया है। गोरखपुर का आधा शहर बंद होने के कारण मांग में कुछ कमी आई है।
घर चले गए थे कामगार
शासन के निर्देश के अनुसार ग्रामीण व शहर क्षेत्र की सभी औद्योगिक इकाइयों को संचालित करने की अनुमति थी, लेकिन ऊहापोह के कारण शनिवार को उत्पादन बंद कर दिया गया। कामगार अवकाश लेकर घर चले गए थे। सतत चलने वाले प्रॉसेस हाउस को भी बंद कर दिया गया था। रविवार को प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) से बात के बाद स्थितियां स्पष्ट हो गईं।
जानकारी देकर दूर कर दिया था संशय
चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने बताया कि उद्यमियों को रविवार को ही जानकारी देकर संशय दूर कर दिया गया था। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह ने बताया कि सोमवार को लगभग सभी इकाइयों में कामगार आए थे। बाजार में मांग कम होने के कारण उसी के अनुसार उत्पादन हुआ है। इसी तरह मंगलवार को भी उत्पादन हुआ। चूंकि शहर का आधा हिस्सा कोरोना के कारण लाकडाउन में चल रहा है ऐसे में उत्पादों की ज्यादा मांग नहीं हो पा रही है। औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन उसी अनुसार हो रहा है।
संक्रमण से बचने का कर रहे उपाय
पिछले सप्ताह सहजनवां की एक फैक्ट्री में गार्ड कोरोना संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया गया। मामला सामने आने के बाद अन्य फैक्ट्रियों में भी संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा प्रबंध और कड़े कर दिए गए हैं।
गीडा कार्यालय भी रहा बंद, कम रही उपस्थिति
गीडा कार्यालय के वित्त संवर्ग में कार्यरत कर्मचारी दो दिन पहले कोरोना संक्रमित मिला है। गीडा के सीईओ संजीव रंजन ने बताया कि सोमवार को कार्यालय खुला था। दो दिन बंद रहने के बाद गीडा कार्यालय सोमवार को खुल गया। बाहरी लोगों से पहले उनके काम की महत्ता के बारे में पूछा जा रहा था, जरूरी हुआ तभी उन्हें प्रवेश की अनुमति मिली। संक्रमित कर्मचारी के कांटेक्ट ट्रेसिंग में आए 20 कर्मचारियों की जांच के लिए मंगलवार को सैंपल लिया गया।
बढ़ेगा ऑक्सीजन का उत्पादन
मंडल के लगभग सभी जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की मांग भी बढऩे की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए। गीडा में ऑक्सीजन बनाने वाली फैक्ट्री में उत्पादन बढ़ाने की तैयारी चल रही है। फैक्ट्री के मालिक एवं चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के महासचिव प्रवीण मोदी ने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन 1100 बड़े सिलेंडर का उत्पादन हो रहा है। एक और प्लांट तैयार रहता है, उसमें उत्पादन शुरू होगा तो 1500 और सिलेंडर प्रतिदिन तैयार हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि डीजल व अन्य कच्चे माल की कीमत में तेजी आने के कारण बड़े सिलेंडर की कीमत 9500 रुपये से बढ़कर करीब 10500 रुपये हो गई है। मेडिकल कॉलेज में पहले जहां 200 सिलेंडर की मांग रोज होती थी, अब यह मांग 250 सिलेंडर तक पहुंच गई है। उनके प्लांट से 150 किलोमीटर के दायरे में आपूर्ति की जाती है। मुंबई व दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग बढऩे के साथ ही अब यहां भी लोग घरों में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाने लगे हैं।