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गोरखपुर में दो दर्जन से अधिक औद्योगिक इकाइयों के बंद होने का खतरा, CM को दी जानकारी Gorakhpur News

भू उपयोग बदलना नियम विरुद्ध है। इस संबंध में आपत्ति दर्ज करा दी गई है। यहां शॉपिंग मॉल आदि बने तो औद्योगिक इकाइयों का चलना असंभव होगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 11:42 AM (IST)
गोरखपुर में दो दर्जन से अधिक औद्योगिक इकाइयों के बंद होने का खतरा, CM को दी जानकारी Gorakhpur News
गोरखपुर में दो दर्जन से अधिक औद्योगिक इकाइयों के बंद होने का खतरा, CM को दी जानकारी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण (यूपी सीडा) के औद्योगिक क्षेत्र में भू उपयोग परिवर्तित हुआ तो दो दर्जन से अधिक औद्योगिक इकाइयों पर ताला लटक जाएगा। वर्तमान में संचालित आधा दर्जन से अधिक इकाइयां तुरंत बंद हो जाएंगी। धीरे-धीरे अन्य उद्योग भी प्रभावित होंगे। इससे हजारों की संख्या में श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे। इस बात की आशंका चैंबर आफ इंडस्ट्रीज गोरखपुर ने जताई है। संस्था ने उद्यमियों व श्रमिकों की पीड़ा को मुख्यमंत्री तक पहुंचाते हुए यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक से आपत्ति भी दर्ज कराई है।

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यूपीसीडा को लिखा पत्र

चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के महासचिव की ओर से यूपीसीडा को लिखे पत्र में कहा गया है कि बरगदवां स्थित औद्योगिक क्षेत्र करीब 50 वर्ष पूर्व स्थापित हुआ था और वर्तमान में 25 इकाइयां संचालित हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण की महायोजना 2021 में यह औद्योगिक प्रयोग के लिए चिह्नित है। नजदीक ही खाद कारखाना भी स्थापित हो रहा है। यदि यहां मल्टी प्लेक्स, खुदरा बिक्री स्टोर या होटल स्थापित होता है, तो वर्षों से चल रहे उद्योग बंद हो जाएंगे। यूपीसीडा की ओर से यह औद्योगिक क्षेत्र पहले 200 एकड़ में विकसित होना था, लेकिन कब्जा मात्र 50 एकड़ पर हो सका। शेष जमीन जीडीए व आवास विकास को मिल गई। यहां के उद्यमियों ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। उनके अनुसार इसका भू उपयोग बदलना अनुचित है।

भू-उपयोग परिवर्तित हुआ तो हजारों श्रमिक हा‍े जाएंगे बेरोजगार

मॉडल पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी किशन बथवाल का कहना है कि चार दशक से उद्योग चला रहे हैं। हजारों लोग काम करते हैं। यूपीसीडा को भू-उपयोग परिवर्तित करने का कोई अधिकार नहीं है। यहां भू उपयोग बदला तो इकाई तुरंत बंद हो जाएगी। हम खाद रखने का बोरा बनाते हैं, फर्टिलाइजर कारखाना चालू होने पर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। यदि उद्योग बंद हुआ तो हम सड़क पर आ जाएंगे। करोड़ों का बैंक ऋण है। आपत्ति दर्ज करा दी है। यह उद्योगों को बढ़ावा देने वाली सरकार है। हमें न्याय जरूर मिलेगा।

दर्ज कराई आपत्ति

दीवान इंडस्ट्रीज के सुमित कक्कड़ का कहना है कि मेरी दो इकाइयां संचालित हैं। भू उपयोग बदलना नियम विरुद्ध है। इस संबंध में आपत्ति दर्ज करा दी गई है। यहां शॉपिंग मॉल आदि बने तो औद्योगिक इकाइयों का चलना असंभव होगा।  


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