गोरखपुर के सौ से अधिक विद्यालयों ने बोर्ड को आनलाइन दी है गलत सूचना Gorakhpur News
जांच अधिकारियों ने बताया है कि जिले में सौ ऐसे विद्यालय हैं जिन्होंने गलत सूचनाएं दी हैं। इनमें से पुराने विद्यालय तो केंद्र बन जाएंगे पहली बार वालों के लिए कठिनाई होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। केंद्र निर्धारण को लेकर जनपद के दर्जनों विद्यालय अपने ही बुने जाल में फंस गए हैं। इस बार केंद्र निर्धारण को लेकर विद्यालयों से आनलाइन आधारभूत आंकड़े मांगे गए थे। जिले के कई ऐसे विद्यालय हैं, जिन्होंने केंद्र बनने के लिए न सिर्फ कक्ष संख्या की गलत जानकारी दे डाली बल्कि कक्षों में कैमरा न होने के बाद भी कैमरा लगा होना बता डाला। यहां तक कई प्रधानाचार्यों ने तो जरूरी तथ्य तक छिपा डाले।
जांच के बाद खुला राज
इसका पर्दाफाश केंद्र निर्धारण के लिए विद्यालयों में मानकों की जांच करने पहुंचे जांच अधिकारियों की रिपोर्ट में हुआ है। डीआइओएस को सौंपे गए रिपोर्ट में जांच अधिकारियों ने बताया है कि जिले में सौ ऐसे विद्यालय हैं, जिन्होंने गलत सूचनाएं दी हैं। इनमें से पुराने विद्यालय तो केंद्र बन जाएंगे, लेकिन जो विद्यालय पहली बार केंद्र बनने वाले हैं उनका पत्ता कट सकता है।
मांगा गया था आन लाइन आंकड़ा
केंद्र निर्धारण के लिए बोर्ड ने रघुराई इंटर कालेज रामनगर करजहां से आनलाइन आधारभूत आकड़ा मांगा था। विद्यालय द्वारा छत वाले कमरों की संख्या 18 बताई गई। जबकि मौके पर 5 ही कमरे मिले। बोर्ड को दी गई सूचना में 12 कमरों को सीसी टीवी कैमरे से लैस बताया गया। जबकि पांच ही कमरे में कैमरा लगे मिले। इसी तरह से रामरती देवी बालिका इंटर कालेज देईपार पिपरौली में मौके पर नौ कमरे मिले। जबकि विद्यालय द्वारा 12 कमरों की सूचना दी गई थी। वहीं आदर्श हायर सेकेंड्री स्कूल सोनबरसा बाजार ने बोर्ड को आनलाइन सूचना में विद्यालय में 9 कक्ष की जानकारी दी है। जबकि जांच में 8 कक्ष ही मौके पर मिले। यहां तक विद्यालय ने 500 परीक्षार्थियों के बैठने की सूचना दी थी। जबकि हकीकत में विद्यालय में 200 से अधिक छात्र परीक्षा नहीं दे सकते।
सुधार का दिया गया मौका
जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया ने इस संबंध में कहा कि जिन विद्यालयों ने आनलाइन गलत सूचनाएं दी हैं। उन्हें सुधार का मौका दिया गया है। इसके बाद भी जांच में गलत सूचनाएं मिलती है तो इनके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।