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North Eastern Railway: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रवासियों के लिए चलाईं गईं 100 से अधिक अतिरिक्त ट्रेनें

पूर्वांचल के प्रवासियों को दिल्ली और मुंबई वापस भेजने के लिए नियमित के अलावा 100 से अधिक अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं हैं जिसमें परिचालन विभाग ने अहम भूमिका निभाई है। इनकी वजह से तीन रेक तैयार कर लिए और रेलवे के 100 करोड़ भी बचाए गए हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 01:29 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 01:29 PM (IST)
North Eastern Railway: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रवासियों के लिए चलाईं गईं 100 से अधिक अतिरिक्त ट्रेनें
पूर्वोत्‍तर रेलवे ट्रेन के संबंध में फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अचानक भीड़ बढऩे के बावजूद पूर्वोत्तर रेलवे में ट्रेनों की कमी नहीं पड़ी है। पूर्वांचल के प्रवासियों को दिल्ली और मुंबई वापस भेजने के लिए नियमित के अलावा 100 से अधिक अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं हैं, जिसमें परिचालन विभाग ने अहम भूमिका निभाई है। अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने सूझबूझ से न सिर्फ रेकों की संरचना में कोचों का बेहतर संयोजन कर तीन रेक (तीन ट्रेनों के लिए रेक) तैयार कर लिए बल्कि रेलवे के 100 करोड़ भी बचाए हैं।

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लिंकहाफ हाफमैन बुश (एलएचबी) के 66 कोचों वाली इन रेकों को दिल्ली और मुंबई रूट पर चलने वाली नियमित और स्पेशल ट्रेनों में प्रयोग किया जा रहा है। तीन रेकों से नियमित के अलावा अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों को संचालित करने में आसानी हो गई है। जून और जुलाई में यात्रियों की भीड़ बढ़ते ही गोरखपुर से मुंबई के लिए लगातार स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। अतिरिक्त ट्रेनों के चलने से पूर्वांचल के प्रवासियों की राह भी आसान हुई है। दरअसल, कोरोना काल के आपदा को रेलवे प्रशासन ने शानदार ढंग से अवसर में बदला है। आम यात्रियों को तो सहूलियत मिली ही है, रेलवे आत्मनिर्भर भी बना है। जानकारों के अनुसार टीम ने मुंबई, दिल्ली और कोचीन ही नहीं, लोकल रूटों पर चलने वाली यात्री ट्रेनों के कोचों का यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए बेहतर संयोजन किया है। संयोजन से रेकों में लगने वाले अतिरिक्त कोच हट गए हैं।

ट्रेनों की भीड़ में भी 99 फीसद हुआ समय पालन

दिल्ली और मुंबई रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ गई है। पूर्वोत्तर रेलवे रूट से सिर्फ मुंबई के लिए ही रोजाना 24 ट्रेनें आवागमन कर रही हैं। आलम यह है कि और स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए पाथ नहीं मिल रहा। इसके बाद भी ट्रेनें गोरखपुर से लगभग 99 फीसद के समय पालन से चल रही हैं।


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