एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर रुपये निकाल रहे जालसाज, पुलिस बेबस
अब अपराधी एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर पैसे निकाल रहे हैं। इस तरह की सबसे ज्यादा घटनाएं देवरिया में हो रही हैं। पुलिस इससे काफी परेशान है।
गोरखपुर (जेएनएन)। देवरिया जनपद में साइबर अपराध बढ़ने लगा है। अब अपराधी एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर लोगों के बैंक खातों को साफ कर दे रहे हैं। साइबर क्राइम सेल भी ऐसे जालसाजों को पकड़ने में सक्ष्म नहीं दिख रही और ऐसे मामलों में सीधे हाथ खड़ा कर दे रही है। जनपद में अभी तक इस तरह के तीन मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन एक भी मामलों का पर्दाफाश पुलिस नहीं कर सकी है और न ही इस रैकेट से जुड़े अपराधी ही जेल भेजे गए हैं, जिसके चलते ऐसे जालसाजों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है।
पहले बैंकों में रुपये जमा करने के बाद लोग यह मान लेते थे कि उनका पैसा सुरक्षित हो गया है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड व चेकबुक आपके पास रहने के बाद भी आपका रुपये सुरक्षित नहीं है। एटीएम कार्ड धारक बढ़ने के साथ ही ठगों की संख्या भी बढ़ गई है। कभी बैंक अधिकारी बनकर तो कभी किसी और तरीके से ठगों ने एटीएम कार्ड की गोपनीय जानकारी बैंक उपभोक्ताओं से जाननी शुरू कर दी और उन्हें खूब चूना लगाया। इस मामले में कुछ जागरूकता बढ़ी तो ठगों ने एटीएम कार्ड की क्लो¨नग शुरू कर दी। एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर लाखों रुपये का जालसाज वारा-न्यारा कर दे रहे हैं। इन जालसाजों को पकड़ना भी पुलिस के लिए आसान नजर नहीं आ रहा है।
देवरिया में 2016 में आया था पहला मामला
देवरिया जनपद में एटीएम कार्ड क्लोन का मामला 2016 अक्टूबर में पहली बार आया था। सलेमपुर कोतवाली के ग्राम जमुआ निवासी शाबिर का इलाहाबाद बैंक सलेमपुर में खाता है। उसके खाते से 50 हजार रुपये की निकासी एटीएम कार्ड से हो गई। जब उसने शिकायत की तो क्राइम ब्रांच देवरिया को जांच सौंपी गई। जांच में पता चला कि उसके एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार हो गया है और चीन में उसके खाते से निकासी हुई है। देश का उस समय यह चौथा मामला था। इसके बाद इस तरह की घटनाएं बढ़ गईं।
इनके खाते से भी हुई है 25 हजार की निकासी
शहर के न्यू कालोनी निवासी रुपेश यादव का यूनियन बैंक में खाता है। 10 मई को वह गोरखपुर से एटीएम से निकासी की और अपने घर चले आए। उनके खाते पर एटीएम की क्लो¨नग कर ली गई और नया एटीएम कार्ड बनाकर जालसाजों ने 25 हजार रुपये निकाल ली। इसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम सेल में की, लेकिन पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लग सका।
19 हजार रुपये क्लोन तैयार कर निकाला
गौरीबाजार थाना क्षेत्र के ग्राम पथरहट निवासी छोटेलाल का एसबीआइ गौरीबाजार में खाता है। उनके एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर खाते से 19 हजार रुपये की निकासी पश्चिम चंपारण से अक्टूबर माह में किया गया है। तीन दिन पहले जब छोटेलाल शिकायत दर्ज कराने के लिए साइबर क्राइम सेल में गया तो टीम ने अपने हाथ खड़ा कर दिया।
ऐसे होती है डेबिट और क्रेडिट कार्ड की क्लो¨नग
साइबर ठग बहुत ही खुफिया तरीके से एटीएम और क्रेडिट कार्ड का क्लोन करते हैं। इसके लिए वह स्कीमर मशीन का इस्तेमाल करते हैं। स्कीमर मशीन में कार्ड के स्वाइप करते ही आपके कार्ड की सारी डिटेल इस मशीन में कापी हो जाती है। इसके बाद साइबर अपराधी कम्प्यूटर व अन्य तरीके से इस डेटा को एक कार्ड में कापी कर लेते हैं और क्लोन तैयार करते हैं।
रात में ही लगाते हैं अपना सिस्टम
देवरिया जिले के साइबर क्राइम सेल के प्रभारी आलोक कुमार सोनी का कहना है कि एटीएम कार्ड क्लोन करने वाले जालसाज रात को ही अपना सिस्टम एटीएम में लगाते हैं। इसलिए उन्हें पकड़ना बहुत आसान नहीं होता। हर बैंक के एटीएम पर चौबीस घंटे गार्ड की तैनाती हो, तभी ऐसे जालसाज चिह्नित हो सकते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। खास बात यह है कि इन घटनाओं को अंजाम देने वाले जालसाज लोकल नहीं होते हैं। जिसके चलते सीसीटीवी फुटेज को जांच में कोई दिख भी जाता है तो उसे चिह्नित नहीं पुलिस नहीं कर पाती है।