इंटर्नशिप के लिए जापान पहुंचे एमएमएमयूटी के छात्र, यहां करेंगे अध्ययन Gorakhpur News
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सात छात्र-छात्राएं जापान में इंटर्नशिप करने के लिए पहुंच गए हैं। वह वहां पर दो माह तक अध्ययन करेंगे।
By Edited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 06:27 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 04:45 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सात छात्र-छात्राएं राइक्यूस विश्वविद्यालय, ओकिनावा जापान में समर इंटर्नशिप के लिए रवाना हो गए हैं। इंटर्नशिप करने वाले विद्यार्थियों में ऋषिका जायसवाल, शिवानी दुबे और युगल किशोर भट्ट एमएमएमयूटी में बीटेक कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र हैं जबकि सुन्गि्तबेन जमिर और शुभम वर्मा बीटेक सिविल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र हैं।
सार्थक श्रीवास्तव बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र हैं और अश्वनी दुबे बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र हैं। सभी छात्र जापान पहुंच चुके हैं, जहा वे अगले दो महीने तक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। हुआ था करार, तब पहुंचे छात्र बता दें कि शिक्षक-छात्र आदान-प्रदान, शोध एवं अन्य अकादमिक कार्यक्रमों के लिए दोनों विश्वविद्यालयों के बीच 2017 में करार हुआ था। यह इंटर्नशिप इसी क्रम में हो रहा है। इन विषयों पर होगा अध्ययन ऋषिका जायसवाल- प्रो. सातोशी एंडो -चेहरे के हाव-भाव को समझने में मशीन लर्निंग का प्रयोग। शिवानी दुबे - प्रो. शिजी कूनो - एक्सवी 6 ऑपरेटिंग सिस्टम संबंधी परियोजना।
युगल किशोर भट्ट - प्रो. दोग्शिक कांग-वेब सर्वर और नेटवर्क मैनेजमेंट संबंधी परियोजना। सुन्गि्तबेन जमिर - प्रो. ओमेर अय्दन - कंक्रीट ढांचों और स्टील बीम का सीएफआरपी और स्पलाइस प्लेट तकनीक से पुनरुद्धार। शुभम कुमार वर्मा - प्रो. तेतसुहिरो शिमोजातो - कंक्रीट ढांचों और स्टील बीम का सीएफआरपी और स्पलाइस प्लेट तकनीक से पुनरुद्धार। अश्वनी दुबे - प्रो. मसातो साईतो - मल्टीलेवल सिग्नल डिमॉडयूलेशन बाई बिट एडीसी। सार्थक श्रीवास्तव - प्रो. नाओमित्सु उरासाकी - अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सोलर पैनल्स पर आशिक छायाकन के कारण उत्पन्न ऊर्जा में आए बदलावों का अध्ययन।
सार्थक श्रीवास्तव बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र हैं और अश्वनी दुबे बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र हैं। सभी छात्र जापान पहुंच चुके हैं, जहा वे अगले दो महीने तक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। हुआ था करार, तब पहुंचे छात्र बता दें कि शिक्षक-छात्र आदान-प्रदान, शोध एवं अन्य अकादमिक कार्यक्रमों के लिए दोनों विश्वविद्यालयों के बीच 2017 में करार हुआ था। यह इंटर्नशिप इसी क्रम में हो रहा है। इन विषयों पर होगा अध्ययन ऋषिका जायसवाल- प्रो. सातोशी एंडो -चेहरे के हाव-भाव को समझने में मशीन लर्निंग का प्रयोग। शिवानी दुबे - प्रो. शिजी कूनो - एक्सवी 6 ऑपरेटिंग सिस्टम संबंधी परियोजना।
युगल किशोर भट्ट - प्रो. दोग्शिक कांग-वेब सर्वर और नेटवर्क मैनेजमेंट संबंधी परियोजना। सुन्गि्तबेन जमिर - प्रो. ओमेर अय्दन - कंक्रीट ढांचों और स्टील बीम का सीएफआरपी और स्पलाइस प्लेट तकनीक से पुनरुद्धार। शुभम कुमार वर्मा - प्रो. तेतसुहिरो शिमोजातो - कंक्रीट ढांचों और स्टील बीम का सीएफआरपी और स्पलाइस प्लेट तकनीक से पुनरुद्धार। अश्वनी दुबे - प्रो. मसातो साईतो - मल्टीलेवल सिग्नल डिमॉडयूलेशन बाई बिट एडीसी। सार्थक श्रीवास्तव - प्रो. नाओमित्सु उरासाकी - अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सोलर पैनल्स पर आशिक छायाकन के कारण उत्पन्न ऊर्जा में आए बदलावों का अध्ययन।
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