ग्रेटर नोएडा में बनेगा MMMUT का सेटेलाइट कैंपस, 35 करोड़ की लागत से तैयार होगा चार मंजिला भवन
ग्रेटर नोएडा में एमएमएमयूटी का सेटेलाइट कैंपस बनाने के लिए 10 करोड़ से जमीन खरीदा जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन चार मंजिला भवन तैयार करने को 25 लाख रुपये खर्च करेगा।
गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। तकनीकी शिक्षा से जुड़ी अपनी कॉर्पोरेट गतिविधियों को बढ़ाने और बेहतर कैंपस सलेक्शन के लिए उद्योग जगत को लुभाने के मकसद से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ग्रेटर नोएडा में अपना सेटेलाइट कैंपस बनाने की योजना बनाई है। कैंपस के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने जमीन खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है। बहुत जल्द इसके सर्वे के लिए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और वित्त नियंत्रक ग्रेटर नोएडा जाएंगे।
10 करोड़ से कैंपस के लिए जमीन खरीदेगा विश्वविद्यालय
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा हाल ही में विज्ञापित जमीन को खरीदने की बात आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने प्रथम दृष्टया 35 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। इसमें 10 करोड़ रुपये जमीन की खरीद में खर्च किए जाएंगे। 25 करोड़ की लागत से कैंपस का भवन निर्माण कराया जाएगा। समस्त धनराशि विश्वविद्यालय अपनी बचत से खर्च करेगा। आवश्यकता पड़ने पर सरकार से अनुदान का प्रयास किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय में विशेषज्ञों की एक कमेटी बना दी गई है।
ये होगा फायदा
इस कैंपस के स्थापित हो जाने से विश्वविद्यालय की कार्पोरेट ट्रेनिंग, मैनेजमेंट ट्रेनिंग, स्टार्टअप, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट, विश्वविद्यालय-उद्योग समिट जैसी गतिविधियों का संचालन आसान और प्रभावी हो जाएगा। बहुत जल्द अपनी इस योजना को विश्वविद्यालय स्वीकृति के लिए बारी-बारी से वित्त समिति और प्रबंध बोर्ड के समक्ष रखेगा। बोर्ड व वित्त समिति की स्वीकृति लेने के साथ ही योजना के क्रियान्वयन की भौतिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
चार मंजिला होगा भवन, 50 कमरों का बनेगा हॉस्टल
सेटेलाइट कैंपस का प्रारंभिक तौर पर जो प्रारूप तय हुआ है, उसके मुताबिक कैंपस का भवन चार मंजिला होगा। इसमें 50 कमरों का हास्टल और कैंटीन भी शामिल होगा, जिससे ट्रेनिंग या अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान विद्यार्थियों और कार्पोरेट जगत से आए प्रतिभागियों के ठहरने की व्यवस्था रहेगी। महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए एक गेस्टहाउस की व्यवस्था भी रहेगी। इसके अलावा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस दो लेक्चर रूम रहेंगे। 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था वाला उन क्लासरूम का इस्तेमाल विशेषज्ञ व्याख्यान और तकनीकी संगोष्ठी के लिए होगा। स्टार्टअप गतिविधियों के लिए भी कैंपस में एक सेंटर बनाया जाएगा।
कॉर्पोरेट ट्रेनिंग, स्टार्टअप, प्लेसमेंट जैसी गतिविधियां होंगी संचालित
एमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि कार्पोरेट गतिविधियों को बढ़ाने और विश्वविद्यालय को उद्योग जगत की मुख्यधारा में लाने के लिए एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में सेटेलाइट कैंपस की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसी क्रम में यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है। ग्रेटर नोएडा में सेटेलाइट कैंपस बन जाने से विश्वविद्यालय एनसीआर से जुड़ जाएगा, जिसका फायदा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों कैंपस सेलेक्शन से लेकर स्टार्टअप की योजना को क्रियान्वित करने तक में मिलेगा। देश-दुनिया विशेषज्ञों की उपलब्धता भी विश्वविद्यालय के लिए सहज हो जाएगी। कैंपस की स्थापना का खर्च विश्वविद्यालय स्वयं उठाएगा।