विश्वविद्यालय के रूप में एमएमएमयूटी ने पूरे किए सात वर्ष Gorakhpur News
एमएमएमयूटी के चार बीटेक पाठ्यक्रम एनबीए प्रमाणित हैं। नैक मूल्यांकन की प्रकिया शुरू हो गई है। यूजीसी 12बी का दर्जा मिल गया है। ज्यादातर कक्षाएं वर्चुअल हो गई हैं। छात्रों की सुविधा के लिए लेक्चर रिकार्डिंग स्टूडियो विकसित की जा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) ने अपने सात वर्ष पूरे कर लिए हैं। स्थापना दिवस पर आयोजित वेबिनार में कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि एक संस्थान के तौर पर एमएमएमयूटी ने 58 वर्ष पूरे कर लिए हैं। विश्वविद्यालय के रूप में सात वर्षों में आधारभूत संरचना, शिक्षकों व छात्रों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
विकसित की जा रही लेक्चर रिकार्डिंग स्टूडियो
कुलपति ने कहा कि एमएमएमयूटी के चार बीटेक पाठ्यक्रम एनबीए प्रमाणित हैं। नैक मूल्यांकन की प्रकिया शुरू हो गई है। यूजीसी 12बी का दर्जा मिल गया है। ज्यादातर कक्षाएं वर्चुअल हो गई हैं। छात्रों की सुविधा के लिए लेक्चर रिकार्डिंग स्टूडियो विकसित की जा रही है, जहां शिक्षक अपनी कक्षाओं की वीडियो रिकार्डिंग कर सकेंगे और उसे वेबसाइट पर अपलोड कर सकेंगे। इन सभी सुविधाओं के हो जाने से छात्रों को बड़ी राहत मिली है। इन सुविधाओं के अभाव के कारण छात्रों को कुछ न कुछ खटकता रहता था। अब सुविधाएं मिल गईं हैं। ऐसे में छात्र सुविधा पूर्वक अबना किसी अड़चन या परेशानी से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।
आने वाले समय में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में होंगी ज्यादा नौकरियां
मुख्य वक्ता एमएमएमयूटी के पूर्व छात्र व काफार्ज लिमिटेड के उपाध्यक्ष डा. जितेंद्र मोहन भारद्वाज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में विकसित देशों के मुकाबले बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। आने वाले समय में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां होंगी। कंपनियां भी इसको ध्यान में रखते हुए साफ्टवेयर बनाएंगी। अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी होगी, जिससे ऊर्जा के परंपरागत साधनों जैसे कोयला, पेट्रोल, डीजल आदि पर निर्भरता खत्म की जा सके। विवि के अधिष्ठाता प्रो. यूसी जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन प्रो. वीके द्विवेदी व डा. अभिजित मिश्र ने किया।