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विधायक राधा मोहन ने CM योगी से की बात, कहा- दुकानें खुलीं तो पूरा शहर हो जाएगा हॉट स्‍पॉट Gorakhpur News

Lockdown 4 गोरखपुर में सभी दुकानों के खुलने का विधायक राधा मोहन ने विरोध किया है। CM योगी से बात कर उन्‍होंने कहा- दुकानें खुलीं तो पूरा शहर हॉट स्‍पॉट हो जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 10:07 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 02:59 PM (IST)
विधायक राधा मोहन ने CM योगी से की बात, कहा- दुकानें खुलीं तो पूरा शहर हो जाएगा हॉट स्‍पॉट Gorakhpur News
विधायक राधा मोहन ने CM योगी से की बात, कहा- दुकानें खुलीं तो पूरा शहर हो जाएगा हॉट स्‍पॉट Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और जिलाधिकारी द्वारा बुधवार से सारी दुकानें खोले जाने से असहमति जताई। नगर बिधायक ने कहा कि गोरखपुर में मजदूरों के आने के बाद से जीरो से बढ़कर 60 मरीज हो गये और आपका ही बयान है कि बाहर से आने वाले मजदूर कोरोना लेकर आ रहे हैं। बेतियाहाता, रफी अहमद किदवई मोहद्दीपुर, मान्टेसरी गली चारफाटक, प्रदूषण चौराहा झारखंडी, विशुनपुरवा, झरनाटोला, रसूलपुर तथा तिवारीपुर में हाट-जोन घोषित हो चुका है। ऐसे तो धीरे-धीरे पूरा शहर हाट-जोन होकर सील हो जायेगा। वैसे भी अब दुकानों के बंद होने से ही थोड़ा लाकडाऊन है और दुकानों के खुलने के बाद वो भी खत्म हो जायेगा। रोस्टर-वोस्टर से क्या फर्क पड़ता है। नगर विधायक ने कहा कि हमारी सोच है कि जितने मजदूरों को बुलाना हो, उन्हें बुलाकर होम क्वारेन्टाईन कर दिया जाये, उसके बाद ही बाजार खोले जाएं।

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कमिश्‍नर से भी की बात

नगर विधायक ने इसके पूर्व मंडलायुक तथा जिलाधिकारी गोरखपुर से बात की और कहा कि मुख्यमंत्री का आफ‍िसियल बयान है कि मुंबई से आने वाले 75 फीसद मजदूर तथा दिल्ली से आने वाले 50 फीसद मजदूर कोरोना से संक्रमित हैं। रोज गोरखपुर में 24-24 ट्रेनों से मजदूर आ रहे हैं। इसमें कोई भी नहीं जान सकता कि कितने मजदूरों को कोरोना होगा, क्योंकि 80 फीसद मरीजों में बिमारी के कोई लक्षण नहीं होते हैं। मजदूरों के आने के पहले गोरखपुर कोरोना मुक्त था और आज कुल 60 मरीज हो चुके हैं।

सभी मजदूर हों क्वारन्टाइन

नगर विधायक ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सारे बाजारों को खोल देना, भले ही वो एक दिन के अंतराल पर खुले, तर्क और समझ के परे है। महामारी अधिनियम - 1894 में जिलाधिकारी को ही स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर स्व-विवेक से निर्णय लेना होता है। उन्होंने कहा कि आपको करना यह चाहिए कि जितने भी मजदूरों को बुलाना हो, उन्हें अंतिम रूप से बुलाकर कड़ाई के साथ क्वारन्टाइन कर लीजिए, उसके बाद निश्चिंत होकर दुकानें खोलिए। यही लाकडाऊन हटाने की वैज्ञानिक अवधारणा भी होगी।


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