आवासीय कालोनियों को अस्पताल बनाए जाने पर विधायक राधा मोहन ने जताई आपत्ति Gorakhpur News
गोरखपुर में आवासीय कालोनियों को अस्पताल बनाए जाने पर भाजपा विधायक राधा मोहन ने आपत्ति जताई है।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर विधायक एवं शिशु-रोग विशेषज्ञ डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह तथा दोनों विभागों के अपर मुख्य सचिवों से बात की और कोरोना वायरस के हर नार्मल मरीज को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने तथा लोहिया एन्क्लेव जैसी आवासीय कालोनियों को कोरोना अस्पताल बनाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है।
घर में भी हो सकता है इलाज
नगर विधायक का कहना है कि कोरोना के 80 प्रतिशत मरीजों को किसी स्पेशिफिक दवा की न तो जरूरत नहीं होती है और न ही कोई दवा उपलब्ध ही है। यदि ऐसे मरीजों के घर में एक अतिरिक्त कमरा है तो उनका इलाज सफलता के साथ उनके घरों में ही किया जा सकता है। इससे मरीज को भी ठीक से भोजन मिल सकेगा और परिवार भी अनावश्यक तनाव में नहीं जाएगा।
ठीक से इलाज हो तो नहीं बढ़ेगी बीमारी
उन्होंने कहा कि हर मरीज को भर्ती करने से समस्या पैदा हो रही है। मरीज को लगता है कि वह सीरियस है, तभी भर्ती किया गया है इसलिए उसे दवा मिलनी चाहिए। जब ऐसा नहीं होता है तो वह जनप्रतिनिधियों को फोन करके मेडिकल कॉलेज पर लापरवाही का आरोप लगाता है और शासन की छवि प्रभावित होती है। इन्ही नार्मल मरीजों में से जब स्वाभाविक रूप से कुछ को बीमारी बढती है तो परिजनों में आक्रोश आता है कि यदि ठीक से इलाज किया जाता तो बीमारी नहीं बढ़ती।
भर चुके हैं मेडिकल कॉलेज के सारे बेड
नगर विधायक ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस बात के लिए सक्षम हैं कि जो मरीज घर पर हों, उनकी नेटवर्किग कर दें और यदि किसी को कोई अन्य लक्षण मिलते हैं तो उन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कर दें। नगर विधायक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों के भी काम करने की सीमा होती है और अब तो वहां सारे बेड भर चुके हैं और स्थानीय प्रशासन स्पोर्ट्स कालेज तथा लोहिया एन्क्लेव को कोविद अस्पताल में बदल रहा है। वहां किस प्रकार की ऐसी अतिरिक्त सुविधा मरीज पा सकेगे जो घरों में नहीं मिल सकती है। इससे तो बहुत बेहतर रहा होता कि एम्स का इनडोर चिकित्साशास्त्र बनकर तैयार है और वंहा पर्याप्त चिकित्सक भी है। एम्स के ही एक हिस्से को सरकार कोरोना वार्ड में बदलने पर विचार करती।