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PWD मंत्री से मिले विधायक राधा मोहन, गोरखपुर की योजनाओं के लिए मांगा धन Gorakhpur News

UP भाजपा विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात की और उनसे गोरखपुर योजनाओं के लिए धन मांगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:11 PM (IST)
PWD मंत्री से मिले विधायक राधा मोहन, गोरखपुर की योजनाओं के लिए मांगा धन Gorakhpur News
PWD मंत्री से मिले विधायक राधा मोहन, गोरखपुर की योजनाओं के लिए मांगा धन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर (नगर) के भाजपा विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात की और उनसे गोरखपुर की उनके विभाग की और उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली योजनाओं को स्वीकृति देने की मांग की। उप-मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं की स्वीकृति देने के लिए आश्वस्त किया।

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नकहा रेलवे क्रासिंग के लिए मांगा धन

नगर विधायक ने उन्हें बताया कि वर्ष 2016 में उन्होंने नकहा रेलवे क्रासिंग ( समपार 5- A) पर ओवरब्रिज के निर्माण के लिए आगणन तैयार करके भिजवाया था। आज वहां हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है और आए दिन एक्सिडेंट होते रहते हैं। फर्टिलाइजर फैक्टरी के चलने के बाद तो वहां हमेशा जाम ही रहेगा। 14 फरवरी को हमने विधानसभा में कहा था कि मुख्य अभियंता (सेतु ) के आफिस में फाइल धूल चाट रही है और 15 फरवरी को ही उन्होंने फाइल स्वीकृत करके शासन को भेज दिया। रेलवे ने 50:50 सहयोग की लागत से बनने वाले ओवरब्रिज के लिए अपने हिस्से का धन दे दिया लेकिन राज्य सरकार में अभी तक योजना को स्वीकृति नहीं मिली है। सरकार को 98.67 करोड़ रुपये की लागत का अपने हिस्से के लिए धन देना है।

पैडलेगंज-नौसढ़ हाईवे चौड़ीकरण जरूरी

नगर विधायक ने कहा कि उन्होंने 134.38 करोड की लागत से दाऊदपुर से देवरिया बाईपास तथा रूस्तमपुर चौराहा होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर के आगे तक दो लेन के फ्लाईओवर के निर्माण के लिए नवंबर 2019 में आपसे सैद्धान्तिक स्वीकृति लेने के बाद पत्रावली भिजवाई थी। 200 करोड़ से कम की योजनाएं विभागीय मंत्री के ही स्तर से स्वीकृत की जाती हैं। वंहा फ्लाईओवर बनना अत्यंत आवश्यक है। नगर विधायक ने कहा कि उनके निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने पैडलेगंज-नौसढ़ हाईवे को 6 लेन बनाने के लिए शासन में प्रस्ताव भेजा है। यह सड़क शहर में प्रवेश का मुख्य द्वार है और इसका चौड़ीकरण अत्यंत आवश्यक है।

मेडिकल कॉलेज रोड का मुद्दा भी उठा

नगर विधायक ने केशव प्रसाद मौर्या का ध्यान असुरन चौराहे से लेकर मेडिकल कॉलेज रोड के निर्माण में अभियंताओं द्वारा बरती जा रही लापरवाही की ओर आकृष्ट किया और कहा कि अधिकारियों ने नगर आयुक्त के लिखित पत्र के बावजूद की सड़क बनने के बाद करीब 10 वार्डों में भीषण जलजमाव होगा क्योंकि मोहल्लों के नालों से मेडिकल रोड का नाला 80 सेमी ऊंचा है और जिलाधिकारी के लिखित निर्देश के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अभियंता लापरवाही कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख मुख्य अभियंता, अपर मुख्यसचिव तथा सभी मुख्य अभियंताओं को तलब किया है।

गोरखपुर में शिक्षा की बदहाली पर विधायक ने अधिकारियों के साथ की बैठक

नगर विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने मंगलवार को लोक लेखा समिति के सभापति महबूब अली, बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार, महानिदेशक विजय किरन आनन्द तथा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह के साथ बैठक की। बैठक में गोरखपुर महानगर में बेसिक शिक्षा की बदतर स्थिति के विषय में चर्चा हुई। विधायक ने कहा कि यदि कक्षा 6 की छात्राएं 137 और 49 नहीं लिख पा रही हैं, गुणा-भाग तो दूर उन्हें साधारण घटाना तक नहीं आता है, हिन्दी के साधारण शब्द और वाक्य नहीं लिख पाती हैं तो आखिर हम बच्चों को किस प्रकार की शिक्षा दे रहें हैं और ऐसी घटिया शिक्षा देने का उद्देश्य क्या है ?

अधिकारियों पर उठाए सवाल

विधायक ने कहा कि पिछले साल उन्होंने गोरखनाथ मंदिर के ठीक बगल के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। 85 छात्रों में सिर्फ 11 छात्र उपस्थित थे, सभी शिक्षक अनुपस्थित थे और एक छात्रा जूठे बर्तन धो रही थी। हमने बेसिक शिक्षा अधिकारी को बताया और उन्होंने एक फर्जी जांच कराकर प्रधानाध्यापक को उसी विद्यालय में बहाल भी कर दिया। विधायक ने कहा कि भगवानपुर प्राथमिक विद्यालय के 279 छात्रों में से 150 छात्र स्थाई रूप से इसलिए अनुपस्थित रहते हैं कि उन्हें ईंट के भट्टों में काम करना होता है तो आखिर बेसिक शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी क्या है ? क्या उन्होंने जिलाधिकारी को सूचित करके बाल-श्रम को समाप्त कराने की कोशिश की ? जब स्कूल के बच्चे सालों से पढ़ने ही नहीं आते तो शासन फर्जी आंकड़े क्यों देता है?

सेल्फ डिफेन्स ट्रेनिंग का मामला भी उठा

नगर विधायक ने कहा कि शासन छात्राओं की सेल्फ डिफेन्स ट्रेनिंग के लिए अच्छा खासा धन देता है तो गोरखपुर के उन विद्यालयों को इससे अलग कैसे कर दिया गया जिनमें 30 से कम छात्राएं थी ? 834 में सिर्फ 434 विद्यालयों में ही प्रशिक्षण क्यों दिया जा रहा है ? शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में तो यह और भी कम है। शासन विद्यालयों को कान्टीजेन्सी फंड के नाम पर 25000-75000 रूपये  प्रतिवर्ष, स्पोर्ट्स फंड के नाम पर 5000-10000 रूपये प्रतिवर्ष  और पुस्तकालयों के लिए रूपये 10000 प्रतिवर्ष  प्रति विद्यालय देता है। अगर यह पैसा सचमुच विद्यालयों तक पंहुचता तो अबतक कायाकल्प हो चुका होता।

अपर मुख्य सचिव ने दिया जांच का आश्‍वासन

नगर विधायक ने कहा कि नीति आयोग तथा भारत सरकार के कार्यक्रम तथा सांख्यिकी मंत्रालय की अधिकृत रिपोर्ट में बेसिक शिक्षा के मामले में देश के सभी राज्यों में तुलनात्मक रूप से उत्तर प्रदेश का सबसे निचला स्थान है और अगर मुख्यमंत्री के शहर में बेसिक शिक्षा की इतनी बदहाल स्थिति है तो कल्पना की जा सकती है कि शेष जनपदों की क्या स्थिति होगी ? शासन अगर परिस्थितियों को बदलना चाहता है तो उसे गैर जिम्मेदार तथा लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई तो करनी ही होगी। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने नगर विधायक को आश्वस्त किया कि वे विभाग के विशेष सचिव डीसी सिंह को विस्तृत जांच के लिये गोरखपुर भेज रही हैं और वंहा की स्थितियों को दुरूस्त करने का प्रयास किया जाएगा।


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