विधायक डा. राधामोहन ने विधान सभा में उठाया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय का मामला Gorakhpur News
गोरखपुर के भाजपा विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल ने सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आशा बहुओं व एएनएम का वेतन 10 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग की है।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल ने सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा बहुओं व एएनएम का वेतन 10 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग की है। विधायक की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सरकार को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही कृत कार्यवाही से नगर विधायक को अवगत कराने के लिए भी निर्देशित किया है।
औसम मानदेय मात्र 45 सौ रुपये
नगर विधायक ने कहा कि अन्य प्रदेशों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में बाल मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर, खून की कमी दर तथा बच्चों में कुपोषण दर सर्वाधिक है। नीति आयोग ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से तैयार अधिकृत रिपोर्ट में यूपी को सभी सूचकांकों में सबसे नीचे बताया है। उन्होंने कहा कि इन सूचकांकों को बेहतर करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका प्रत्यक्ष रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा बहुओं व एएनएम की होती है। यह गरीब, कमजोर, दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों के बीच काम करती हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रशिक्षित करने, प्रसव पूर्व जांच कराने, संस्थागत प्रसव, नवजात शिशुओं का टीकाकरण, छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों व महिलाओं को पौष्टिक आहार देने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसके अलावा चुनावों में भी इनका रोल अहम रहता है।
सम्मानजनक मानदेय देने की मांग
नगर विधायक ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का औसत मानदेय 4500, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 3500, आंगनबाड़ी सहायिकाओं का 2250 व आशा बहुओं का 3416 रुपये प्रतिमाह है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाहती है कि बच्चे स्वस्थ हों व गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कमी आए तो इन्हें सम्मानजनक मानदेय देना होगा।
पीडब्लूडी के जांचेंगे नाले की लेबलिंग
विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने सोमवार को असुरन चौराहे से लेकर मेडिकल कॉलेज रोड के दोनों तरफ नालों की गलत लेबलिंग को लेकर लखनऊ में लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण व सचिव रंजन कुमार के साथ बैठक की।
इस दौरान विधायक नेे समस्या के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने ई. आरआर सिंह को निदेश दिया कि वह नगर विधायक की उपस्थिति में मामले की जांच कराएं। इसके लिए वह खुद गोरखपुर जाएं। नगर विधायक ने उन्हें बताया कि नगर आयुक्त की उपस्थिति में वह लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं से आसपास के मोहल्लों के नालों के लेबल की जांच करावा चुके हैं। जांच में उन नालों का लेबल मेडिकल नाले से 80 सेमी नीचे पाया गया है। ऐसे में मोहल्लों का पानी मेडिकल नाले में नहीं जा सकेगा। तय हुआ कि लखनऊ की टीम गोरखपुर आकर मेडिकल रोड नाले की लेबलिंग चेक करेगी।