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प्रवासियों ने कहा-गोरखपुर पहुंचकर भूल जा रहा सारा दुख-दर्द Gorakhpur News

घर तक पहुंचने में एक भी पैसा खर्च नहीं हो रहा। स्टेशनों पर पूड़ी-सब्जी तहरी ब्रेड बिस्किट और पानी भी मिल जा रहा है लेकिन दिल से ट्रेन विलंब होने की टीस नहीं निकल पा रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 06:30 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:30 PM (IST)
प्रवासियों ने कहा-गोरखपुर पहुंचकर भूल जा रहा सारा दुख-दर्द Gorakhpur News
प्रवासियों ने कहा-गोरखपुर पहुंचकर भूल जा रहा सारा दुख-दर्द Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। टिकट का पैसा नहीं देना पड़ रहा। रास्ते में नाश्ता और पानी भी मिल जा रहा है। यदि समय से घर पहुंच जाते तो एक और मेहरबानी हो जाती। ट्रेन लेट होती है, तो संक्रमण का खौफ बढ़ता जाता है। ब'चों को लेकर विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। जब गोरखपुर पहुंचते हैं तो रास्ते का सारा दुख-दर्द भूल जाता है।

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टिकट का नहीं लग रहा पैसा, रास्ते में नाश्ता और पानी भी दे रहे

दूसरे राज्यों मेें फंसे कामगार गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर श्रमिक ट्रेनों से सकुशल उतरने के बाद अब यही कह रहे हैं। साथ ही वह सरकार को धन्यवाद देना नहीं भूल रहे। कहते हैं, घर तक पहुंचने में एक भी पैसा खर्च नहीं हो रहा। स्टेशनों पर पूड़ी-सब्जी, तहरी, ब्रेड, बिस्किट, नमकीन और पानी भी मिल जा रहा है, लेकिन दिल से ट्रेन विलंब होने की टीस नहीं निकल पा रही।

बोगी में हर समय संक्रमण का खतरा

बच्‍चे बोगी में घूमने और खेलने लगते हैं। उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है। हर पल संक्रमण की आशंका रहती है। बोगी में बैठे लोग एक-दूसरे को शक की निगाह से देखते हैं। कामगारों की बात सही भी है। दिल्ली से गोरखपुर आने में ही 24 घंटे लग जा रहे हैं। बोरीवली से रविवार की रात प्रवासियों को लेकर चली श्रमिक ट्रेन 38 घंटे में पहुंची। अमृतसर से आने वाली श्रमिक ट्रेन को गोरखपुर पहुंचने में 34 घंटे लग गए। लगभग सभी ट्रेनें दस से 24 घंटे की देरी से चल रही हैं। बिना समय सारिणी और नाम के चल रहीं श्रमिक ट्रेनें निर्धारित तिथि से एक से दो दिन बाद गंतव्य तक पहुंच रही हैं।

12604 प्रवासियों को लेकर गोरखपुर पहुंचीं श्रमिक ट्रेनें

मद्रास, कोयंबटूर, बांद्रा, कल्याण, पालगढ़, अहमदाबाद, थाणे और अमृतसर आदि स्टेशनों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 12604 प्रवासी गोरखपुर पहुंचे। प्रवासियों की थर्मल स्कैनिंग करने के बाद रोडवेज की बसों से सुरक्षित घर भेज दिया गया। बुधवार को भी नौ ट्रेनों के गोरखपुर पहुंचने की सूचना है। रायनपाडु, चेंगलपेट, भावनगर, लुधियाना, छत्रपति शिवाजी महराज टर्मिनस और झांसी से एक-एक तथा बेंगलुरु से दो ट्रेनें आएंगी।

प्रवासियों ने कहा-सिर्फ ट्रेनें विलंब से चलीं, बाकी सब ठीक

भटहट के निवासी बाबूराम का कहना है कि गोरखपुर पहुंचने के बाद राहत मिली है। ट्रेन लेट हुई तो दिल बैठने लगा। बोगी में बैठे लोग एक-दूसरे से दूरी बनाने की कोशिश करते रहे। सभी लोग बच्‍चों को पकड़ कर बैठे थे। रास्ते में नाश्ता और पानी मिला। सिर्फ ट्रेनें समय से चलने लगें तो सब ठीक हो जाएगा। उधर बेलघाट के डब्‍लू का कहना है कि दिल्ली से गोरखपुर की यात्रा पहाड़ चढऩे जैसी लग रही थी। टिकट का पैसा नहीं लगा, नाश्ता और पानी भी मिला, लेकिन ट्रेन की लेटलतीफी ने सब पर पानी फेर दिया। ट्रेन चलाने के लिए सरकार के प्रति आभार। 


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