शादी के कार्ड में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश, जानिए क्या है कारण
गोरखपुर, (जेएनएन)। शादी का निमंत्रण देने और स्वीकारने वाले लिए कार्ड खास महत्व रखता है लेकि
गोरखपुर, (जेएनएन)। शादी का निमंत्रण देने और स्वीकारने वाले लिए कार्ड खास महत्व रखता है लेकिन शादी के निमंत्रण कार्ड से लोगों को कुछ सीख मिले, तो भला इससे बेहतर और क्या हो सकता है। सहजनवा तहसील के भरपही निवासी शिक्षक मो. अकील ने अपनी शादी के कार्ड पर Þबेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओÞ का संदेश छपवाकर नजीर पेश की है। शिक्षक के इस अनोखी पहल की सराहना हो रही है। अकील की 17 नवम्बर को शादी तथा 18 नवम्बर को दावते वलीमा होनी है। फिलहाल वह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जागरूक कर रहे है।
सहजनवां तहसील के ग्राम सभा भरपही निवासी नूरूलहोदा के 30 वर्षीय बेटे मो. अकील संतकबीरनगर जिले के मौलाना आजाद इंटर कालेज में सहायक अध्यापक है। अकील की दो बहनें निकहत और नूरजहां के अलावा एक भाई खलीलुर्रहमान शिक्षामित्र है। अकील की शादी तय हुई तो कुछ अलग करने की सोची और अपने घरवालों से अपनी मंशा साझा की तो घरवालों ने भी पहल का स्वागत किया। अकील का विवाह 17 नवंबर को संतकबीरनगर जनपद की रहने वाली नाहिद से होना है। दावत-ए-वलीमा उनके गांव सहजनवां के भरपही में 18 नवंबर होगा। अकील ने बताया कि जब सरकार बेटियों को बचाने और पढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक कर सकती है, तो वह भी इस काम में कुछ योगदान अपना दें सकते हैं। इसी वजह से शादी के कार्ड पर Þबेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओÞ का संदेश देकर समाज में नई सोच लाने के लिए पहल किया और संदेश छपवा दिया, जिससे समाज को सीख मिल सके। अकील की होने वाले पत्नी नाहिद भूगोल से परास्नातक हैं और वह भी पति की तरह शिक्षक बनकर समाज व गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षित करना चाहती हैं।
बकौल अकील 500 निमंत्रण कार्ड छपवाया हैं। इसका उद्देश्य है कि जिन लोगों के पास शादी का कार्ड पहुंचे, वह निमंत्रण के साथ इस संदेश को भी अपने जीवन में उतारें।