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परिक्रमा मार्ग पर जीवंत होगी भगवान श्रीराम से जुडी स्मृतियां

हनुमान बाग चकोही मंदिर के पुजारी रामचंद्र दास ने बताया लंबे समय से अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर और परिक्रमा मार्ग को सुंदर सुव्यवस्थित बनाने का सपना साकार होने जा रहा है। इससे ज्यादा और खुशी की बात क्या हो सकती है। साधु संतों के साथ ही श्रद्धालुओं को जहां सुविधा होगी वहीं देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक भी आएंगे। चकोही गावं निवासी 70 वर्षीय रामप्यारे यादव परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने से काफी प्रसन्न हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:15 AM (IST)
परिक्रमा मार्ग पर जीवंत होगी भगवान श्रीराम से जुडी स्मृतियां
परिक्रमा मार्ग पर जीवंत होगी भगवान श्रीराम से जुडी स्मृतियां

बस्ती: 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने से साधु संतों में गजब का उत्साह है।पर्यटन विकास से उपेक्षित परिक्रमा मार्ग पर अब भगवान श्रीराम से जुड़ी स्मृतियां जीवंत होंगी। राजा दशरथ के समय की अयोध्या 84 कोस में फैली थी। भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थल इसी 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित हैं। अयोध्या से 20 किमी उत्तर बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से 84 कोसी परिक्रमा शुरू होती है।यात्रा मार्ग पर कुल 21 पड़ाव हैं। परिक्रमा मार्ग पर छांव के लिए बरगद और पीपल के पौधे रोपित किए जाएंगे। साथ ही पेयजल और सामुदायिक शौचालय भी बनाए जाएंगे।

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21 पड़ाव स्थलों में दो प्रमुख पड़ाव रामरेखा मंदिर और हनुमान बाग चकोही बस्ती जिले में हैं। तीसरा पड़ाव स्थल श्रृंगी ऋषि आश्रम गोसाईगंज में है। जनश्रुतियों की मानें तो भगवान राम का खड़ाऊं लेकर भरत जब अयोध्या लौटे तो उन्होंने अपनी राजधानी की परिक्रमा की। इस परिक्रमा के क्रम में वह कुछ दिन यहां पर रुके थे। इसी यात्रा की याद में चौरासीकोसी यात्रा की परंपरा जीवंत है। कहा जाता है कि राम भक्त हनुमान हनुमानबाग चकोही में फल खाते थे और यहीं से अयोध्या की रखवाली करते थे। इसीलिए इस स्थान का नाम हनुमानबाग पड़ा। प्रतिवर्ष चैत्रमास में चौरासीकोसी परिक्रमा के दौरान बड़ी संख्या में साधु और आम जन यहां एकत्रित होते हैं। यहीं से लोग अयोध्या जाने के लिए शेरवाघाट पर घाघरा नदी पार कर गोसाईंगंज में स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम पहुंचते हैं। भगवान श्रीराम की स्मृतियों को जीवंत करने के साथ ही पर्यटकों को जोड़ने के लिए तीस करोड़ से अधिक की पर्यटन योजनाएं चल रही हैं,जिसमें रामरेखा मंदिर,मखौड़ा धाम और हनुमानबाग चकोही,अमोली में साधु संतों के लिए विश्रामालय,रसोई से लेकर यात्री छाजन और सड़क बनाई जा रही है।

पर्यटन विकास को लगे पंख

हनुमान बाग चकोही मंदिर के पुजारी रामचंद्र दास ने बताया लंबे समय से अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर और परिक्रमा मार्ग को सुंदर सुव्यवस्थित बनाने का सपना साकार होने जा रहा है। इससे ज्यादा और खुशी की बात क्या हो सकती है। साधु संतों के साथ ही श्रद्धालुओं को जहां सुविधा होगी वहीं देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक भी आएंगे। चकोही गावं निवासी 70 वर्षीय रामप्यारे यादव परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने से काफी प्रसन्न हैं। कहा जब से होश संभाला तब से सुबह शाम बस यही सोचते थे न जाने कब भगवान राम का मंदिर बनेगा। वह अपनी आंखों से मंदिर देखना और श्रीराम का उसमें दर्शन करना चाहते हैं। यह तमन्ना पूरी होने वाली है। इससे ज्यादा और क्या खुशी होगी। बताया कि परिक्रमा करते समय साधु संतों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ती थी। अब यह समस्या दूर हो जाएगी। परिक्रमा मार्ग से जुड़े गांवों का भी इससे विकास होगा। समाज के सभी वर्गों में खुशहाली आएगी।

अजय सिंह ,विधायक ने बताया कि

मख क्षेत्र में पर्यटन विकास की तीस करोड़ की 11 परियोजनाएं चल रही हैं। परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग भी घोषित किया जा चुका है। इस तरह अब यह क्षेत्र अयोध्या से सीधे जुड़ जाएगा। श्रीराम सर्किट को लेकर साधु संतों के साथ ही नागरिकों में भी खासा उत्साह है। उनका पूरा प्रयास है भगवान श्रीराम से जु़ड़ी स्मृतियां जीवंत हो जिससे देश की भावी पीढ़ी भगवान श्रीराम और अयोध्या के गौरवशाली इतिहास को जान एवं समझ सके।


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