Move to Jagran APP

सामाजिक आचरण एवं कानून की आधारशिला है धर्म

गोरखपुर : वर्तमान समाज प्रगतिवादी समाज है, जिसमें मूल्यों की भारी कमी है। यह मूल धर्म से आते हैं

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 01:24 AM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 01:24 AM (IST)
सामाजिक आचरण एवं कानून  की आधारशिला है धर्म
सामाजिक आचरण एवं कानून की आधारशिला है धर्म

गोरखपुर : वर्तमान समाज प्रगतिवादी समाज है, जिसमें मूल्यों की भारी कमी है। यह मूल धर्म से आते हैं और विधि इन दोनों में सामंजस्य स्थापित करती है। हर किसी को प्रगति का रास्ता दिखाएं वही वास्तविकता धर्म है।

loksabha election banner

उक्त बातें दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि संकाय के तत्वावधान में धर्म, समाज एवं कानून विषय पर आयोजित आचार्य प्रतापादित्य राम त्रिपाठी स्मृति व्याख्यान के अवसर पर मुख्य वक्ता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ला स्कूल के प्रो. डीके मिश्रा ने कही। उन्होंने कहा कि जहा विज्ञान का अंत होता है धर्म वहा से आरंभ होता है और तब समाज धर्म का उद्घोष करने लगता है। इसके पूर्व विधि संकाय के अध्यक्ष और अधिष्ठाता प्रो. जितेंद्र मिश्र ने स्वागत एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि धर्म स्वयं परिवर्तित नहीं होता, बल्कि परिवर्तन का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि जो धर्म किसी धर्म को बाधित करें वह धर्म नहीं अधर्म है तथा जो धर्म किसी को प्रगति का रास्ता दिखाएं वही असल धर्म है। धर्म आचरण का विषय है यही धर्म तदंतर विधि के रूप में परिणत हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वीके सिंह ने कहा कि मानव समाज का कल्याण ही धर्म का उद्देश्य है और धर्म के आचरण के बिना विकास की पराकाष्ठा नहीं प्राप्त की जा सकती। संगोष्ठी के बाद विधि विभाग में पौधरोपण भी किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.