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चढ़ेगा पारा, सताएगी गर्मी- 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रह सकता है अधिकतम तापमान

गोरखपुर इन्वायरमेंटल एक्शन ग्रुप के एक अध्ययन के मुताबिक इस बार अप्रैल मई व जून में 28 दिन ऐसे हो सकते हैं जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 02:36 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 09:24 AM (IST)
चढ़ेगा पारा, सताएगी गर्मी- 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रह सकता है अधिकतम तापमान
चढ़ेगा पारा, सताएगी गर्मी- 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रह सकता है अधिकतम तापमान

गोरखपुर, जेएनएन। ठंड के मौसम ने तो इस बार बहुत परेशान नहीं किया, लेकिन गर्मी से रहम की उम्मीद हरगिज न करें। इस बार आपको भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। गोरखपुर इन्वायरमेंटल एक्शन ग्रुप (जीईएजी) के एक अध्ययन के मुताबिक इस बार अप्रैल, मई व जून में 28 दिन ऐसे हो सकते हैं, जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होगा। यह अनुमान 42 वर्ष के गर्मी के मौसम पर अध्ययन के बाद सामने आया है।

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जीईएजी के जलवायु विज्ञानी कैलाश पांडेय ने बताया कि अधिकतम तापमान के विभिन्न जलवायु माडलों के माध्यम से किए गए साइंटिफिक विश्लेषण में गर्मी का लगातार बढऩे का रुझान है। गर्मी के तीन महीने में 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक सेल्सियस वाले दिनों का औसत 15 है, जबकि बीते कुछ वर्षों में इन दिनों की संख्या औसत से लगातार अधिक रही है।

इस वर्ष 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक वाले दिनों की संख्या 28 होने का अनुमान है। अध्ययन से मिले आकड़ों पर अगर गौर करें तो बीते पांच वर्ष से गर्मी के दिन औसत दिनों से अधिक रहे हैं। 2014 में तो यह आकड़ा 28 दिन तक पहुंच गया था। इस वर्ष पूर्वानुमान सही निकला तो 2014 की तरह ही इस बार गर्मी का सामना करना पड़ेगा। 2014 से पहले 2011 में 35 दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक था।

वर्षवार 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक वाले दिन

वर्ष                  दिन

2018                 16

2017                 18

2016                 26

2015                 27

2014                 28

2013                 06

2012                 25

2011                 35

2010                 29

2009                 16

25-26 को हो सकती है बूंदाबांदी

शहर में तेजी से बढ़ रहे तापमान पर 25-26 मार्च को एक से दो दिन के लिए विराम लग सकता है। जलवायु विज्ञानी कैलाश पांडेय ने बताया कि इसकी वजह अफगानिस्तान के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ का बना होना है, जो पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित हो रहा है। इसकी वजह से गोरखपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में आसमान में बादल छा सकते हैं और कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है।


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