मस्जिद विस्फोट कांड : दहशत फैलाने के लिए हाजी ने इकट्ठा की थी बारूद Gorakhpur News
कुशीनगर के गांव बैरागीपट्टी स्थित मस्जिद में बारूद हाजी कुतुबुद्दीन ने ही रखी थी। जरूरत पडऩे पर वह इसका प्रयोग अपने विरोधियों में दहशत फैलाने में करना चाहता था।
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर के गांव बैरागीपट्टी स्थित मस्जिद में बारूद हाजी कुतुबुद्दीन ने ही रखी थी। जरूरत पडऩे पर वह इसका प्रयोग अपने विरोधियों में दहशत फैलाने में करना चाहता था। बारूद सामान्य तीव्रता की थी। जिसे वह पटाखा बनाने वालों से खरीदकर लाया था।
सभी आरोपित गिरफ्तार
मस्जिद विस्फोट प्रकरण का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने यह दावा किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में सभी सातों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सातवें आरोपित मुन्ना की गिरफ्तारी कुशीनगर के तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के भलुही चौराहे से शुक्रवार को हुई। आरोपितों से पूछताछ में एटीएस, आइबी व अन्य जांच एजेंसियों की भी मदद ली गई। एसपी के अनुसार सभी आरोपितों को आमने-सामने बिठाकर दो दिन तक पूछताछ की गई, लेकिन, अभी कोई ऐसी बात सामने नहीं आई है जिससे उनके राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की पुष्टि हो सके। आगे की विवेचना में अगर ऐसी कोई बात सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
मस्जिद में अप्रैल से ही रखा था बारूद
मौलवी ने घटना वाले दिन ही बयान दिया था कि मस्जिद में बारूद हाजी ने रखवाई थी। प्रारंभिक पूछताछ में हाजी अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारता रहा, लेकिन जांच एजेंसियों के सामने वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया। बता दें कि 11 नवंबर को दोपहर में मस्जिद में तेज विस्फोट हुआ था। तब मौलवी अजीमुद्दीन उर्फ अजीम ने इन्वर्टर की बैट्री फटने की जानकारी दी थी। बाद में बताया कि हाजी कुतुबुद्दीन ने ही रमजान से पहले अप्रैल महीने में मस्जिद में बारूद रखवाई थी। पुलिस ने मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अगले दिन मौलवी, इजहार अंसारी, आशिक अंसारी व जावेद अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि हाजी व सेना में मेजर रहा उसका पोता डा. अशफाक व मुन्ना फरार हो गए।
गोरखपुर और हैदराबाद से हुई गिरफ्तारी
हाजी को गोरखपुर और डा. अशफाक को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। हाजी व अशफाक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जेल भेजे गए मौलवी समेत चार अन्य आरोपितों को रिमांड पर लिया और उनसे पूछताछ की गई। सभी आरोपितों को आमने-सामने बिठाकर जांच एजेंसियों ने गहराई से पूछताछ की। शनिवार को एटीएस के एडीजी डीके ठाकुर ने भी कुशीनगर पहुंचकर आरोपितों से पूछताछ की। अदालत ने हाजी कुतुबुद्दीन, अशफाक व मुन्ना को जेल भेज दिया है।
सेना की मेडिकल विंग में मेजर था डा. अशफाक
कुशीनगर : मस्जिद में हुए विस्फोट कांड का आरोपित डा.अशफाक सेना की मेडिकल ङ्क्षवग में मेजर पद पर तैनात था। तीन साल की सेवा के बाद उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उसकी पत्नी डा.सोमिया जमील भी मेडिकल ङ्क्षवग में मेजर है, और वर्तमान में हैदराबाद में तैनात हैं। अशफाक के पिता फैजुद्दीन बैरागीपट्टी गांव में ही रहते हैं। आठवीं की पढ़ाई पड़ोस के कस्बा फाजिलनगर से करने के बाद अशफाक पीडब्ल्यूडी में तैनात रहे अपने दादा कुतुबुद्दीन के पास अलीगढ़ चला गया। स्नातक की पढ़ाई उसने अलीगढ़ से की। इसके बाद उसका चयन मेडिकल में हो गया। अलीगढ़ से ही उसने एमबीबीएस की पढ़ाई की।
2014 में हुई सेना में तैनाती
वर्ष 2014 में उसकी तैनाती सेना में हो गई। इस बीच उसकी शादी हैदराबाद की रहने वाली डा.सोमिया जमील से हुई। ग्रामीणों के अनुसार 2017 में डा.अशफाक ने सेना से इस्तीफा दे दिया था। गांव के लोगों को उसने बताया था कि सेना में उसके खिलाफ कोई जांच शुरू हो गई थी। हालांकि इसके बारे में उसने खुलकर कुछ नहीं बताया था। बता दें कि अशफाक ने ही घटना की सूचना पुलिस को दी थी। घटनास्थल पर पहुंचे एसपी विनोद कुमार मिश्र को उसने अपना परिचय सेना में मेजर बताते हुए इन्वर्टर की बैट्री फटने से विस्फोट होने की बात कही थी। उस पर मस्जिद में हुई टूट-फूट को हटवाने व सफाई कर सबूत मिटाने का भी आरोप है।