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अब गांवों में भी मकान, भवन निर्माण के लिए पास कराना होगा मानचित्र- लागू हुआ नया नियम

House Map will be Passed in the Villages ग्रामीण क्षेत्रों में मकान बनवाने के लिए भी नक्शा पास करवाना अनिवार्य होगा। नक्शा पास करवाने के लिए अभी जिला पंचायत में आफलाइन मोड में आवेदन करना होगा और एक सप्ताह में मानचित्र पास कर दिया जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 08:47 PM (IST)
अब गांवों में भी मकान, भवन निर्माण के लिए पास कराना होगा मानचित्र- लागू हुआ नया नियम
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मकान बनवाने के लिए अब नक्शा पास कराना अनिवार्य होगा। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, उमेश पाठक। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए), नगर निगम, नगर पंचायतों की तरह जिला पंचायत में भी उपविधि लागू हो गई है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय या व्यावसायिक निर्माण कराने वालों को जिला पंचायत से मानचित्र पास कराना होगा। यह उपविधि उनपर लागू होगी जो 300 वर्ग मीटर या 3230 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल में निर्माण कराएंगे। इस न‍ियम को लागू कर द‍िया गया है। इस नियम के लागू होने से लोगों की जेब कुछ ढीली होगी लेकिन इससे कई फायदे भी होंगे।

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जिला पंचायत में फिलहाल आफलाइन मोड में आवेदन करना होगा और एक सप्ताह में मानचित्र पास कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था गोरखपुर मंडल के महराजगंज एवं कुशीनगर जिले में पहले से लागू है, अब केवल देवरिया जिला बचा है, जहां ग्रामीण क्षेत्र में मानचित्र पास कराने की जरूरत नहीं।

जिला पंचायत ने लागू की उपविधि, धड़ल्ले से हो रही प्लाटिंग पर लग सकेगा अंकुश

ग्रामीण क्षेत्रों में अनियमित निर्माण को रोकने के लिए यह उपविधि लागू की गई है। यह उपविधि जीडीए, गीडा, नगर निगम, नगर पंचायत के दायरे से बाहर के क्षेत्रों में लागू हाेगी। 3230 वर्ग फीट से कम क्षेत्रफल पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराने की जरूरत नहीं होगी।

मानचित्र पास कराने के लिए आवासीय भवन के लिए कुल कवर एरिया पर 50 रुपये प्रति मीटर एवं व्यावसायिक भवन के लिए 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क देना होगा। इस नई व्यवस्था से ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से होने वाली प्लाटिंग पर भी अंकुश लगेगा। जिला पंचायत का पूरा जोर अनियमित रूप से होने वाले व्यावसायिक निर्माणों को नियंत्रित करने पर होगा।

बैंक से ऋण लेने में भी होगी सुविधा

ग्रामीण क्षेत्रों में मानचित्र पास न होने के चलते बैंकों से ऋण भी नहीं मिल पाता था लेकिन मानचित्र पास होने के बाद ऋण मिल सकेगा। जो 3230 वर्ग फीट से कम क्षेत्रफल में भी निर्माण करा रहे हैं वे भी आवेदन देकर अनुमति प्राप्त कर सकते हैं और इससे बैंक से ऋण भी प्राप्त कर सकेंगे।

मानचित्र पास कराने के लिए ये करें

किसी पंजीकृत आर्किटेक्ट से मानचित्र बनवाना होगा और उसे विभिन्न प्रपत्रों के साथ जिला पंचायत कार्यालय में जमा करना होगा। मानचित्र आवासीय या व्यावसायिक, किस प्रकृति का है, यह भी अंकित करना होगा। इसके साथ जमीन के स्वामित्व का प्रमाण पत्र भी देना होगा। जांच के दौरान अग्निशमन, पर्यावरण आदि से जुड़ी अनापत्ति भी देनी होगी। आवेदन करने वाले को प्राप्ति रसीद मिलेगी। मानचित्र पास होने के बाद निर्माण कराया जा सकेगा।

प्लाटिंग के लिए पास कराना होगा ले आउट

ग्रामीण क्षेत्र में प्लाटिंग या ग्रुप हाउसिंग के लिए जिला पंचायत से ले आउट पास कराना होगा। इससे पहले धारा 143 कराना अनिवार्य है। ले आउट पास होने के बाद ही प्लाटिंग की जा सकेगी।

कब्जा करने वालाें पर हो सकेगी विधिक कार्रवाई

ग्रामीण क्षेत्रों में दबंगों द्वारा कब्जा कर निर्माण करा लेने की शिकायत मिलती रहती है लेकिन उनपर कोई विधिक कार्रवाई नहीं हो पाती थी। जिला पंचायत की उपविधि प्रभावी हो जाने के बाद अब इस कब्जे पर विधिक रूप से बुलडोजर चलाया जा सकेगा और माफिया हतोत्साहित होंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण के लिए मानचित्र पास कराना होगा। इसको लेकर जिला पंचायत में व्यवस्था बनाई गई है। आवेदन स्वीकृत होने के बाद अधिकतम एक सप्ताह में मानचित्र पास करने का प्रयास किया जाएगा। इससे अनियमित निर्माण पर रोक लग सकेगी। मानचित्र पास न कराने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। - एके सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत।



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