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कई मार्ग बंद किए गए, 60 छठ घाटों पर लगाए गए 400 पुलिसकर्मी

छठ पर्व के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की है। छठ घाटों पर पुलिस बल तैनात करने के अलावा कई प्रमुख मार्गों को बंद कर दिया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 12:48 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 12:48 PM (IST)
कई मार्ग बंद किए गए, 60 छठ घाटों पर लगाए गए 400 पुलिसकर्मी
कई मार्ग बंद किए गए, 60 छठ घाटों पर लगाए गए 400 पुलिसकर्मी

गोरखपुर, (जेएनएन)।  छठ पूजा को सकुशल संपन्न कराने की तैयारी में प्रशासन जुट गया है। शहर और देहात के 60 महत्वपूर्ण घाटों पर 400 से अधिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई है। संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखने के लिए पांच प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 13 और 14 नवंबर को कुछ रास्तों पर वाहनों के आवागमन पर रोक रहेगी।

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छठ पर्व के दिन व्रती महिलाओं के साथ ही श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने के लिए रूट डायवर्जन प्लान लागू किया है। 13 नवंबर को दोपहर तीन बजे से रात 10 बजे तक और 14 नवंबर की सुबह तीन बजे से सुबह 10 बजे तक छठ पूजा स्थल तक वाहनों को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। 60 महत्वपूर्ण घाटों और पूजा स्थल पर सादे कपड़ों में महिला और पुरुष सिपाही तैनात होंगे।

राप्ती के बैकुंठधाम, सूरजकुंड पोखरा, गोरखनाथ मंदिर, हनुमानगढ़ी, महेसरा पुल, बहरामपुर राप्ती तट पर नाव के साथ गोताखोरों की ड्यूटी लगाई गई है। 14 नवंबर को छठ माता की 65 मूर्तियों का विसर्जन भी होगा। शहर में एसपी (सिटी) और देहात में शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी एसपी (उत्तरी) व एसपी (साउथ) को दी गई है।

दो दिन इधर से वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी 

- हाबर्ट बंधा तिराहे से हनुमानगढ़ी, तकियाघाट की तरफ

- लालडिग्गी चौराहे से पुरानी मछली मंडी होते हुए बंधे की तरफ

- मिर्जापुर चौराहा से हाबर्ट बंधे की तरफ

- सूरजकुंड रेलवे क्रासिंग से मानसरोवर सूरजकुंड की तरफ

- गोरखनाथ ओवरब्रिज की तरफ से मंदिर और बाजार की तरफ

- हुमायूंपुर रेलवे क्रासिंग से गोरखनाथ मंदिर और बाजार की तरफ

- हुमायूंपुर रेलवे क्रासिंग से जगेसर पासी चौराहा और वहां से गोरखनाथ मंदिर की तरफ

- कौडिय़हवा मोड़ तिराहे से गोरखनाथ मंदिर की तरफ

नियमों का उल्‍लंघन करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

एसएसपी शलभ माथुर ने कहा कि राप्ती तट, सूरजकुंड, मानसरोवर, गोरखनाथ मंदिर आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में छठ के लिए श्रद्धालु जुटेंगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रूट डायवर्जन प्लान जारी किया गया है। डायवर्जन प्लान का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पूजन सामग्री खरीदने को उमड़े श्रद्धालु

छठ पूजा ने महानगर में एक बड़ा बाजार निर्मित किया है। अनेक सड़कें व चौराहे सोमवार को बाजार में तब्दील हो गए थे। बाजार में आस्था व उल्लास देखने लायक था। यह छठ पूजा की खरीदारी का महत्वपूर्ण दिन था। इसलिए बड़ी संख्या में व्रती महिलाएं और उनके परिजन बाजारों में पहुंचे और जरूरत के मुताबिक खरीदारी की। देर रात तक बाजार गुलजार था, चहल-पहल बनी रही।  धर्मशाला, असुरन, रुस्तमपुर, रीड्स धर्मशाला, गोरखनाथ, घंटाघर व कूड़ाघाट, आर्यनगर आदि स्थानों पर छठ के बाजार सजे थे। दउरा, सुपेली, पूजन सामग्री, साठी का चावल सहित अनेक प्रकार के फल व सब्जियां बाजार में उपलब्ध थीं।

न्यूजीलैंड, थाईलैंड, जापान व अमेरिका से भी फल मंगाए गए थे। ऐसे भी फल आए थे जो केवल छठ पूजा के समय में ही यहां दिखाई पड़ते हैं। आम, अमरख, बड़ा नींबू, जापानी अंगूर, ड्रैगन, पलम आदि फल खरीदारों को आकर्षित कर रहे थे। बाजार तो सुबह ही सज गए, खरीदारों का आना भी शुरू हो गया, लेकिन शाम होते-होते बाजार खरीदारों से भर गए। हर दुकान पर लगभग आधा दर्जन व्रती महिलाएं व उनके परिजन मोल-भाव करते दिखे। देर रात तक खरीदारी होती रही। दुकानों की संख्या भी अचानक कई गुना बढ़ गई थी। सभी बाजारों में केवल छठ पूजा के ही सामान बिकते नजर आए।

फुटकर बाजार में तब्दील हुई थोक मंडी

महेवा स्थित थोक मंडी छठ व्रत पर फुटकर बाजार में तब्दील हो गई थी। फल व सब्जी मंडी की हर सड़क की दोनों पटरियों पर छठ व्रत से संबंधित सामग्रियों की दुकानें सजी रहीं। यहां तक कि थोक के व्यापारी भी अपनी दुकान के सामने सड़क पर सामग्रियों की फुटकर दुकान सजा दिए थे। बड़ी संख्या में व्रती महिलाएं और उनके परिजन मंडी पहुंचे और खरीदारी की। सुबह से लेकर शाम तक मंडी में चहल-पहल बनी रही।

सुबह लगभग नौ बजे ही मंडी में खरीदारों की भीड़ पहुंचने लगी। मंडी की मुख्य सड़क की दोनों पटरियों पर गन्ना, नारियल, दउरा, सुपेली आदि विविध प्रकार के सामान की दुकानें सजाई गई थीं। इसके अलावा फल मंडी व सब्जी मंडी की हर सड़क व गली छठ पूजा के सामान से भरी रही। जिस मंडी में या तो बोरा के भाव सामान बिकते हैं या पसेरी (पांच किलो) के हिसाब से, वहां पांच व दस रुपये में भी सामान बेचे जा रहे थे। इमली, अमरख, कदंब, कच्ची सुपारी, हल्दी पत्ता, गाजर आदि पांच से दस रुपये में ही मिल रहे थे। बड़ा नींबू, नारियल, अनन्नास भी 10-15 रुपये का था। मंडी में फुटकर बाजार जरूर लगा था लेकिन दाम थोक के ही थे। इसलिए बड़ी संख्या में व्रती महिलाएं और उनके परिजन पहुंचे और बड़े पैमाने पर खरीदारी की।


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