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नदी की धारा मोड़ने के खिलाफ महापंचायत, ग्रामीणों ने कहा- विध्‍वंसकारी होगा धारा को मोड़ना

गोरखपुर में नदी की धारा मोड़े जाने के खिलाफ चल रहे नदी बचाओ गांव बचाओ संघर्ष समिति के आंदोलन के तहत आयोजित महापंचायत का आयोजन किया गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 09:47 AM (IST)
नदी की धारा मोड़ने के खिलाफ महापंचायत, ग्रामीणों ने कहा- विध्‍वंसकारी होगा धारा को मोड़ना
नदी की धारा मोड़ने के खिलाफ महापंचायत, ग्रामीणों ने कहा- विध्‍वंसकारी होगा धारा को मोड़ना

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के बेलीपार क्षेत्र के करजही में नदी की धारा मोड़े जाने के खिलाफ चल रहे नदी बचाओ, गांव बचाओ संघर्ष समिति के आंदोलन के तहत आयोजित महापंचायत में जलपुरुष कहे जाने वाले राजेंद्र सिंह ने कहा कि नदी की धारा मोड़े जाने से बीस गांवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। नदी जैसे बह रही है उसे बहने दिया जाए।

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महापंचायत में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राजेंद्र सिंह ने कहा कि नदी की धारा से छेड़छाड़ करने का मतलब प्रकृति से छेड़छाड़ करना है। यह किसी भी कीमत पर लाभप्रद नहीं होगा। कुछ देशों का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने समझाया कि किस प्रकार धारा मोड़ने पर नदी विध्वंसकारक हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमारा देश किसी जमाने में विश्‍व गुरु हुआ करता था। तक हमारे देश में नीर, नारी और नदी का सम्मान होता था। अब यह सम्मान हम धीरे-धीरे खत्‍म हो रहा है। हमें सम्मान की रक्षा हर हाल में करनी है। जब भी कोई समाज प्रकृति के ऊपर आए संकट से निपटने के लिए खड़ा होता है तो वह कभी हारता नहीं है। कहा कि इस समिति ने तो पहली लड़ाई जीत ली है।

नदी पर काम शुरू हुआ तो नदी पर मशीनें आईं लेकिन संघर्ष समिति के आंदोलन ने उस काम को रुकवा दिया और नदी पर आईं मशीनों को वहां से वापस ले जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अभी यह काफी नहीं है। सबसे खतरनाक स्थिति तब पैदा होती है जब राज्य द्वारा समाज को डराकर राज्य जो करना चाहता है वह कर देता है। हमें एकजुट होकर डटे रहना है। यदि राज्य ने बिना सोचे समझे पर्यावरणीय प्रभाव को जाने बिना नदी की धारा को मोड़ने की योजना बनाया है तो यह योजना नदी को जोड़ने की नहीं बल्कि नदी को भ्रष्टाचार के साथ जोड़ने की योजना है। जब भी नदी के प्रवाह पर कोई अवरोध होता है तो पर्यावरणीय भाषा में इसे नदी की हत्या कहा जाता है। यह समिति राप्ती नदी की हत्या को बचाने के लिए राप्ती संसद का निर्माण करेगी।

महापंचायत में बुंदेलखंड से आये जल जोड़ो समिति के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पर्यावरण के साथ जो छेड़छाड़ हो रहा है वह विनाशकारी है। सरकार को नदी के दोनों किनारों पर फलदार वृक्ष लगाना चाहिए न कि नदी की धारा मोड़ कर लोगों के लिए विनाशकारी स्थिति पैदा करना चाहिए।

आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने कहा कि राप्ती की धारा को मोड़ने के लिए जो प्रयास हो रहा है वह केवल सरकारी खजाने को लूटने का काम हो रहा है। यह आंदोलन जिला स्तर या प्रदेश स्तर तक नहीं रहेगा। इस आंदोलन को हम लोग राष्ट्रीय स्तर तक ले जायेंगे। हम शांति में विश्वास जरूर रखते हैं, लेकिन हम क्रांति से भी पीछे नहीं हटेंगे। यह आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक यह परियोजना पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाएगी। राप्ती नदी यहां के लोगों के लिए जीवनदायिनी है। राप्ती की धारा मोड़ कर लोगों को मौत के मुंह में धकेलने का षड्यंत्र किया जा रहा है ।


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