#CM_City_Gorakhpur : बढ़ेगी महानगर की चाैहद्दी, शहर के दायरे में आएंगे 222 गांव
जीडीए ने गोरखपुर की महायोजना-2041 का प्रारूप तैयार करना शुरू कर दिया है। महायोजना के माध्यम से जीडीए अपना दायरा बढ़ाने जा रहा है। इस महायोजना में 222 गांव शहरी क्षेत्र से जुड़ेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) अगले बीस वर्ष में शहर के नियोजित विकास का खाका तैयार कर रहा है। इसके लिए उसने महायोजना-2041 का प्रारूप तैयार करना शुरू कर दिया है। इस महायोजना के माध्यम से जीडीए अपना दायरा बढ़ाने जा रहा है। ऐसा होने से 1700 एकड़ से अधिक ऐसी भूमि के विनियमित होने की उम्मीद जग गई है, जहां हजारों भवनों का निर्माण तो हो गया है लेकिन जीडीए के दायरे से बाहर होने की वजह से उनके मानचित्र की स्वीकृति में शासकीय दिक्कत आ रही है। यह वही भूमि है, जिसको दायरे में लेने के लिए जीडीए कई बार शासन को प्रस्ताव भेज चुका है।
नई महायोजना के लागू होने के बाद जीडीए का सीमा विस्तार हो जाएगा, जिससे उसकी आय में तो बढ़ोत्तरी होगी ही, हजारों लोगों को नियोजित शहरी विकास का लाभ भी मिलने लगेगा। सिर्फ इतना ही नहीं यह निर्धारित किया जा सकेगा कि कौन सा क्षेत्र ग्रीनलैंड है और कौन सा इस्तेमाल करने वाला। इसके अलावा जीडीए की लैंडबैंक की समस्या के समाप्त होने का रास्ता भी साफ हो जाएगा, जिससे जीडीए इस समय जूझ रहा है। महायोजना-2041 जीडीए की तीसरी महायोजना होगी। 1977 में स्थापना के बाद पहली महायोजना-2081 में बनी जबकि दूसरी महायोजना 2001 से 2021 तक के लिए बनाई गई। तीसरी महायोजना का कार्यान्वयन 2021 से 2041 तक के लिए होगा।
नियोजित विकास का रास्ता होगा साफ
महायोजना-2041 के तहत जीडीए जब अपनी सीमा का विस्तार करेगा तो उसमें शहर के सीमावर्ती 222 गांव उसके दायरे में आज जाएंगे। इससे इन गांवों का शहरीकरण हो जाएगा और वहां नियोजित विकास का रास्ता साफ हो जाएगा। उन गांव के लोगों को शहरी सुविधाएं उपलब्ध होने लगेंगी।
दूर होंगी मुश्किलें
जीडीए सचिव राम सिंह गौतम ने कहा कि शहर का दायरा तो लगातार बढ़ रहा है लेकिन जीडीए की सीमा का विस्तार नहीं हो रहा। ऐसे में शहर के विकास को नियोजित कर पाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। महायोजना-2041 के लागू होने से यह मुश्किल दूर हो जाएगी। महायोजना का खाका तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।