Madhumita Shukla Murder Case: अमरमणि व उनकी पत्नी ने जेल में नहीं किया काम, पारिश्रमिक है शून्य
Madhumita Shukla Murder Case सजायाफ्ता कैदियों से जेल में काम कराया जाता है। इसका उन्हें पारिश्रमिक मिलता है। पारिश्रमिक को जेल प्रशासन संबंधित कैदी के खाते में भेजता है। लेकिन मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा के दौरान पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनकी पत्नी मधुमणि ने जेल में श्रम नहीं किया। इसकी वजह स्वास्थ्य खराब होना रहा। डाक्टरों की सलाह पर जेल प्रशासन ने उनसे कोई काम नहीं लिया।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काटने के दौरान पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनकी पत्नी मधुमणि ने जेल में श्रम नहीं किया। इसकी वजह से उन्हें कोई पारिश्रमिक नहीं मिला। हरिद्वार से गोरखपुर जेल स्थानांतरित होकर आने के बाद पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनकी पत्नी मधुमणि का अधिकांश समय बीआरडी मेडिकल कालेज में बीता।
इस वजह से नहीं कराया गया काम
स्वास्थ्य खराब होने की वजह से डाक्टरों की सलाह पर जेल प्रशासन ने उनसे कोई काम नहीं लिया। सजायाफ्ता कैदियों से जेल में काम कराया जाता है। इसका उन्हें पारिश्रमिक मिलता है। पारिश्रमिक को जेल प्रशासन संबंधित कैदी के खाते में भेजता है। अमरमणि ने 18 साल सात माह तो मधुमणि ने 17 साल नौ माह की सजा पूरी की है। दया याचिका मंजूर होने के बाद जेल प्रशासन ने शुक्रवार को उन्हें रिहा कर दिया, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से पूर्व मंत्री व उनकी पत्नी अभी भी मेडिकल कालेज में भर्ती हैं। माना जा रहा है कि अभी कुछ दिन और दोनों लोग वहीं भर्ती रहेंगे। डाक्टर की सलाह पर ही घर जाएंगे।
शुक्रवार को रिहाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शाम 7:15 बजे बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचे जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराने के बाद अमरमणि व मधुमणि को अभिरक्षा से मुक्त कर उनके बेटे पूर्व विधायक अमनमणि के सिपुर्द कर दिया। रिहाई रजिस्टर में भी पारिश्रमिक शून्य होने का जिक्र है।
इसे भी पढ़ें, Amarmani Tripathi: अपहरण का मुकदमा बढ़ा सकता है अमरमणि की परेशानी, 22 साल पुराने मामले में नहीं हो रहे हाजिर
बीआरडी से हटाई गई फोर्स, वार्ड के बाहर पसरा सन्नाटा
बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राइवेट वार्ड में शनिवार को दोपहर बाद सन्नाटा पसर गया। पूर्व मंत्री अमरमणि व मधुमणि की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को शुक्रवार देर रात पुलिस लाइन भेज दिया गया। सुबह शुभचिंतक मिलने पहुंचे, लेकिन परिवार के लोगों ने स्वास्थ्य ठीक न होने का हवाला देते हुए उन्हें लौटा दिया।
पिता की रिहाई के सियासी मायने नहीं
नौतनवां के पूर्व विधायक अमनमणि ने कहा कि पिता (पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी) व माता (मधुमणि) की रिहाई के कोई सियासी मायने नहीं हैं। जो हुआ है वह संविधान के दायरे में है। दया याचिका स्वीकार होने पर पहले भी लोग रिहा होते रहे हैं। शुक्रवार को आदेश जारी होने के बाद परिवार के लोगों को इसकी जानकारी हुई थी। शनिवार की दोपहर में हुमायूंपुर दक्षिणी स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व विधायक ने कहा कि उनका परिवार संविधान व कानून में विश्वास करने वाला है। इन दो दशकों में उनके परिवार ने बहुत कुछ खोया है। माता-पिता की तबीयत ठीक नहीं है। पहली प्राथमिकता उनका बेहतर उपचार कराना है। डाक्टर की सलाह पर उन्हें हायर सेंटर ले जाएंगे। रिहाई को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखे जाने के सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि ऐसा कोई प्लान नहीं है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।