Unlock 1.0: जारी रहेगा लॉकडाउन लेकिन खत्म होगी ई पास की बाध्यता, प्रतिबंध का दायरा भी घटेगा Gorakhpur News
Unlock 1.0 में लॉकडाउन जारी रहेगा लेकिन ई पास की बाध्यता खत्म हो जाएगी। इसके अलावा प्रतिबंधों का दायरा भी घटेगा
गोरखपुर, जेएनएन। Unlock 1.0 में शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार आठ जून से नई व्यवस्थाएं शुरू की जाएंगी। सात जून तक व्यवस्थाएं पूर्व की भांति चलेंगी। जिला प्रशासन मंदिर, मॉल, पार्क और सलून आदि खोलने को लेकर मंथन में जुटा है। दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में भी परिवर्तन की संभावना है। राज्य सरकार ने सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक दुकानों व प्रतिष्ठानों को खोलने के आदेश दिए हैं। हालांकि एक जून से ही ई-पास की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। कंटेनमेंट जोन को छोड़ अब कोई भी व्यक्ति बिना पास या अनुमति के कहीं भी आ-जा सकता है।
शासन की तरफ से गाइडलाइन जारी होने के बाद डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल समेत अन्य आला अफसरों के साथ मंथन किया। डीएम ने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। आठ जून से मंदिर, मॉल और अन्य सुविधाओं को खोलने को लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है। सलून और पार्क भी खोलने पर जिला प्रशासन विचार कर रहा है। फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ सुबह पांच बजे से आठ बजे तक और शाम पांच बजे से रात्रि आठ बजे तक पार्क खोले जाने की संभावना है।
गाडइलाइन का अध्ययन किया जा रहा है। सात जून तक व्यवस्थाएं पहले की तरह चलेंगी। अधिकतर बदलाव आठ जून से लागू कर दिए जाएंगे। - के. विजयेंद्र पांडियन, डीएम
पास बनाने का काम अब बंद हो गया है। राज्य सरकार से जारी गाइडलाइन के मुताबिक रात नौ बजे से सुबह पांच बजे को छोड़ अब कोई भी फिजिकल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन आदि सतर्कता बरतते हुए वाहन से कहीं भी यात्रा कर सकेगा। कंटेनमेंट जोन में आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। - राजेश कुमार सिंह, एडीएम वित्त
80 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे गोरखनाथ मंदिर के कपाट
आठ जून से मठ-मंदिरों को खोले जाने की शासन की गाइड लाइन के बाद गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने भी तैयारी शुरू कर दी है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोले जाने की सूचना से उन श्रद्धालुओं मेें खासा उल्लास है, जो प्रतिदिन पूजा-अर्चना के लिए गोरखनाथ मंदिर आते थे, लेकिन बीते 21 मार्च से अपने धार्मिक अनुष्ठान से वंचित हैं। रविवार को सुबह से ही गोरखनाथ मंदिर कार्यालय में ऐसे श्रद्धालुओं के आने वाले अनवरत फोन इसके प्रमाण हैं। मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि मंदिर बंद रहने से श्रद्धालु काफी परेशान थे। गोरखनाथ मंदिर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि श्रद्धालुओं के लिए कपाट इतने दिन तक बंद रहे। कुछ लोगों के मुंडन, सगाई, विवाह जैसे मांगलिक कार्य रुके हैं, तो कुछ की मनौती पूजा लंबित है। इसे लेकर हर दिन दर्जनों फोन कार्यालय में आते थे। ऐसे लोगों ने फोन करके खुशी जाहिर की है। गाइड लाइन मिलने के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोलने की योजना बनाई जा रही है। निर्धारित नियम के मुताबिक ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक द्वार खोला जाएगा। दर्शन-पूजन के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा जाएगा। गोरखनाथ मंदिर के द्वार कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीते 21 मार्च से बंद हैं।
मास्क के बिना मंदिर में प्रवेश नहीं
मंदिर सचिव ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। भीड़ की स्थिति से बचना होगा। लोगों को जागरूक करने के लिए मंदिर के स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसे लेकर मंदिर के हर महत्वपूर्ण स्थान पर सूचना भी चस्पा की जाएगी।
शुरू हुआ रामचरित मानस पाठ
मंदिर खुलने की सूचना के बाद प्रबंधन और संतों ने खुशी जाहिर करने के लिए रविवार की सुबह परिसर में मौजूद राम दरबार में रामचरित मानस का पाठ शुरू कर दिया। 24 घंटे तक चलने वाला पाठ सोमवार की सुबह सम्पन्न होगा।