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स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में पहुंची, 6053 लोगों में मिले कोरोना के लक्षण

संतकबीर नगर स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले के 70 फीसद गांवों में पहुंची और सर्दी जुकाम व बुखार से पीड़ित 6053 लोगों की सूची तैयार कर सीएमओ को सौंप दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 06:23 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 06:23 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में पहुंची, 6053 लोगों में मिले कोरोना के लक्षण
स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में पहुंची, 6053 लोगों में मिले कोरोना के लक्षण

संतकबीर नगर: स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले के 70 फीसद गांवों में पहुंची और सर्दी, जुकाम व बुखार से पीड़ित 6053 लोगों की सूची तैयार कर सीएमओ को सौंप दी। स्वास्थ्य विभाग ने इनमें से 697 लोगों की कोरोना जांच की, जिसमें से 142 संक्रमित मिले हैं। सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है। आरआरटी की रिपोर्ट के बाद 697 लोग ही जांच कराने के लिए पहुंच सके।

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गांवों में कोरोना जांच के लिए चलाया जा रहा विशेष अभियान रविवार को खत्म होना था। इसे दो दिन के लिए और बढ़ा दिया गया था। बहरहाल खलीलाबाद ब्लाक के नकहां, शिवशंकरपुर, मंझरियागंगा, मेंहदिया सहित अन्य गांव, नाथनगर ब्लाक के ठाठर, धनजवल सहित कई गांवों में जांच के लिए अब तक आरआरटी नहीं पहुंची है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि पहले विशेष जांच अभियान के लिए जिले में आरआरटी की 34 टीमें लगी थी। फिलहाल नौ और टीम गठित की गई हैं। इस प्रकार अब तक कुल 43 टीमें लगा दी गई हैं। अब तक यह टीम जनपद के 70 फीसद गांवों में पहुंच गई है। जांच के साथ दवा देने का दावा:

दावा यह भी किया जा रहा है कि जनपद में गठित आरआरटी गांवों में जांच भी कर रही है। जांच में कोरोना के लक्षण वालों को तुरंत दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। टीम की सक्रियता की वजह से गांवों में कोरोना पीड़ितों को तुरंत जांच व दवा की सुविधा मिल जा रही है। इसके लिए उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा है। कोरोना को हराने के लिए यह टीम लोगों में जोश भर रही है। विशेष जांच अभियान में गांवों में मिले सात सौ संक्रमित

बीस लाख की आबादी वाले इस जिले में विशेष जांच अभियान में गांवों में करीब सात सौ संक्रमित मिले हैं। इसमें 30 फीसद लोग महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात व अन्य प्रांतों से आए गांव के लोग हैं। जबकि शेष 70 फीसद लोग गांव में रहते हुए कोरोना संक्रमित हुए। इन सभी संक्रमितों को घर पर आइसोलेट कर दिया गया है। आरआरटी के सदस्य फोन पर इनके सेहत के बारे में नियमित जानकारी ले रहे हैं। गांवों में नहीं बने हैं क्वारंटाइन सेंटर

कोरोना की पहली लहर जब आई थी, तब गांवों में स्थित परिषदीय विद्यालयों, पंचायत भवनों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली सहित अन्य प्रांतों व जनपदों से आने वाले लोगों को पहले यहीं पर ठहराया जाता था। यहां पर नाश्ता, भोजन, पानी सहित सोने की भी व्यवस्था की गई थी। प्रधान व पंचायत सचिव को यह जिम्मेदारी मिली थी। वहीं इस बार गांवों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।


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