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मासूमों से दुष्कर्म करने वाले दो दरिंदों को उम्रकैद

गोरखपुर और संतकबीरनगर में अदालत के दो फैसलों ने मासूमों से अपराध करने वालों के मन में खौफ भरा है। दोनों जिलों में अलग-अलग मामलों में मासूम से दुष्कर्म के दो आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 02:12 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 02:12 PM (IST)
मासूमों से दुष्कर्म करने वाले दो दरिंदों को उम्रकैद
अदालत से फैसला सुनाने का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। मिशन शक्ति से महिलाओं को सुरक्षा और न्याय का भरोसा दिलाने वाली मुहिम चल ही रही है, इसी बीच गोरखपुर और संतकबीरनगर में अदालत के दो फैसलों ने भी महिलाओं से अपराध करने वालों के मन में खौफ भरा है। दोनों जिलों में अलग-अलग मामलों में मासूम से दुष्कर्म के दो आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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पीपीगंज के कमलेश को आजीवन कारावास

पहले मामला गोरखपुर का है। छह साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट नवल किशोर सिंह की अदालत ने पीपीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम बगही भारी निवासी अभियुक्त कमलेश को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक पाक्सो विजेंद्र सिंह का कहना था कि 20 अक्टूबर 2014 की शाम पांच बजे मासूम बच्ची लक्ष्मीपूजा देखने गई थी। दो घंटे तक घर न पहुंचने पर खोजबीन हुई तो पता चला कि अभियुक्त कमलेश उसे बिस्किट खिलाने के बहाने ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया है। न्यायाधीश ने साक्ष्यों के अवलोकन के बाद सजा सुनाई।

चालक को मिली सजा

दूसरा मामला संतकबीरनगर का है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट राकेश पाण्डेय की अदालत ने गोरखपुर के हरपुर बुदहट क्षेत्र के सुरस देवरिया-महैता गांव के सुभाष तिवारी को आजीवन कारावास और 20 रुपये के अर्थदंड की सुनाई है। अभियोजन के अनुसार, सुभाष शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में बच्चों को लाने-ले जाने के लिए मैजिक वाहन चलाता है। छात्रा इसी स्कूल में एलकेजी की छात्रा थी। 17 अप्रैल 2015 को सुभाष वाहन में बैठे अन्य छात्रों को उनके घर छोडऩे के बाद छात्रा को सुनसान स्थान पर ले गया। वहां दुष्कर्म किया। हालात बिगडऩे पर छात्रा के स्वजन जान पाए। उन्होंने कोतवाली खलीलाबाद में तहरीर दी। 21 अप्रैल को मुकदमा दर्ज कर वाहन चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। न्यायालय ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने व साक्ष्यों के अवलोकन के बाद आरोपित को दोषी करार दिया और आजीवन सश्रम कारावास व 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।


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