जानिए, एक पिता क्यों बन बैठा अपने ही बेटे का हत्यारा
उसका अपनी बहू से अवैध संबंध था। इसलिए पिता ने अपने बहू के साथ मिलकर अपने बेटे की हत्या कर दी। दोनो को सजा हो गई।
By Edited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 08:53 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 08:53 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर के सेशन न्यायाधीश एजाज अहमद अंसारी की अदालत ने शनिवार को हत्या के मामले में ससुर, बहू को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद तथा 12-12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्तों को डेढ़ साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय में जिला शासकीय अधिवक्ता जीपी यादव का कथन था कि वादी श्रीराम शर्मा ने 28 अगस्त 2013 को तहरीर देकर सूचना दी कि सुबह टहलने निकला था कि जानकारी हुई कि मेरे छोटे भाई नरेंद्र शर्मा की मौत हो गई है।
सूचना पर घर पहुंचा तो देखा कि नरेंद्र की लाश आंगन में पड़ी है। शरीर पर चोट के निशान हैं तथा कई जगह से खून बह रहा था। नरेंद्र की पत्नी शांति का अपने ससुर बाबूराम शर्मा से अवैध संबंध है। इसकी जानकारी होने पर नरेंद्र इसका विरोध करता था। इसके चलते शांति और उसका बेटा अभिमन्यु तथा बाबूराम शर्मा ने मिलकर नरेंद्र की हत्या कर दी है। घटना को छिपाने के लिए आरोपितों ने घटनास्थल पर गिरे खून को धो दिया है। शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने हत्या तथा साक्ष्य छिपाने का केस दर्ज कर शव को कब्जे में ले लिया। बाद विवेचना आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया। दाखिल पत्रावलियों, प्रस्तुत सबूतों तथा उभयपक्षों के तर्कों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपित शांति, बाबूराम शर्मा को दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्तों पर 12-12 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है। वहीं अदालत ने आरोपित अभिमन्यु के नाबालिग की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया।
सूचना पर घर पहुंचा तो देखा कि नरेंद्र की लाश आंगन में पड़ी है। शरीर पर चोट के निशान हैं तथा कई जगह से खून बह रहा था। नरेंद्र की पत्नी शांति का अपने ससुर बाबूराम शर्मा से अवैध संबंध है। इसकी जानकारी होने पर नरेंद्र इसका विरोध करता था। इसके चलते शांति और उसका बेटा अभिमन्यु तथा बाबूराम शर्मा ने मिलकर नरेंद्र की हत्या कर दी है। घटना को छिपाने के लिए आरोपितों ने घटनास्थल पर गिरे खून को धो दिया है। शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने हत्या तथा साक्ष्य छिपाने का केस दर्ज कर शव को कब्जे में ले लिया। बाद विवेचना आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया। दाखिल पत्रावलियों, प्रस्तुत सबूतों तथा उभयपक्षों के तर्कों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपित शांति, बाबूराम शर्मा को दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्तों पर 12-12 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है। वहीं अदालत ने आरोपित अभिमन्यु के नाबालिग की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें