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जिसको पुलिस को थी तलाश, वही चकमा देकर हो गया हाजिर, जानें- डी-11 गैंग के सरगना का कारनामा Gorakhpur News

प्रदीप दो बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। तीन नवंबर को जंगल रसूलपुर नंबर दो गांव में दंगल आयोजित किया था जिसमें बदमाश प्रदीप भी मौजूद था।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:03 PM (IST)
जिसको पुलिस को थी तलाश, वही चकमा देकर हो गया हाजिर, जानें- डी-11 गैंग के सरगना का कारनामा Gorakhpur News
जिसको पुलिस को थी तलाश, वही चकमा देकर हो गया हाजिर, जानें- डी-11 गैंग के सरगना का कारनामा Gorakhpur News

 गोरखपुर, जेएनएन। डी-11 के सरगना प्रदीप यादव ने पुलिस व क्राइम ब्रांच को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। प्रदीप ने साथियों संग दिव्यांग का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। नाम प्रकाश में आने के बाद पुलिस उसे सरगर्मी से ढूंढने का दावा कर रही थी।

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सरगना का पिता सिपाही और भाई गांव का प्रधान

झंगहा के जंगल रसूलपुर नंबर दो निवासी प्रदीप यादव के पिता सिपाही व भाई गांव का प्रधान है। एक नवंबर को बदमाश ने अपने साथियों संग खोराबार के जंगल चंवरी में दरवाजे पर बैठे दिव्यांग उमेश यादव का अपहरण कर लिया। गाड़ी में ही गला दबाकर हत्या करने के बाद शव देवरिया कोतवाली क्षेत्र में नाला के किनारे छोड़कर फरार हो गया। आठ अक्टूबर को खोराबार पुलिस ने घटना में शामिल झंगहा के राघोपट्टी पडऱी निवासी आदित्य गुप्ता और चौरीचौरा के चकदेईया निवासी लालू यादव उर्फ मेंटल को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ करने पर पता चला कि उमेश के छोटे भाई अशोक की पत्नी सुमन ने प्रदीप यादव को हत्या करने की सुपारी दी थी। काम होने पर सुमन ने 2.50 लाख रुपये देने को कहा था। खोराबार पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों के साथ ही सुमन को जेल भेज दिया था।

पुलिस को दो बार दिया चकमा

प्रदीप दो बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। तीन नवंबर को जंगल रसूलपुर नंबर दो गांव में दंगल आयोजित किया था, जिसमें बदमाश प्रदीप भी मौजूद था। सूचना पर क्राइम ब्रांच के साथ खोराबार व झंगहा थानेदार पहुंचे गए, लेकिन प्रदीप फरार हो गया। आठ अक्टूबर को कोनी तिराहे के पास पुलिस ने वारदात में शामिल दो बदमाशों को दबोच लिया, लेकिन प्रदीप भाग निकला। प्रदीप यादव झंगहा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस ने 2015 में उसके गिरोह को डी-11 पर दर्ज किया था। बदमाश संदीप त्रिपाठी भी इसी गिरोह का सदस्य है। 


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