चिलुआताल में पाटी जा चुकी है दो सौ एकड़ भूमि, कब्जा के बाद बन रहे मकान Gorakhpur News
नगर निगम में एक मनोनीत पार्षद के संरक्षण में भूमाफिया ताल को पाटकर प्लॉटिंग कर रहा हैं। ताल का बड़ा हिस्सा पाटा जा चुका है और कई मकान भी अवैध तरीके से बना लिए गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर के ताल सुमेर सागर में प्रशासन की ओर से जमीन खाली कराने के बीच चिलुआताल में अवैध कब्जे का मुद्दा सामने आने लगा है। चिलुआताल बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष विकास सिंह ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष से इस संबंध में शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि ताल का बड़ा हिस्सा पाटा जा चुका है और कई मकान भी अवैध तरीके से बना लिए गए हैं।
पर्यटन स्थल के रूप में हो रहा विकसित
चिलुआताल को भी रामगढ़ताल की तरह पर्यटन स्थल में विकसित करने का काम चल रहा है। जीडीए से की गई शिकायत में कहा गया है कि नगर निगम में एक मनोनीत पार्षद के संरक्षण में भूमाफिया ताल को पाटकर प्लॉटिंग कर रहा हैं।
भू-माफिया ने शुरू की प्लाटिंग
शिकायतकर्ता विकास के अनुसार राजेंद्र नगर (पश्चिमी) कॉलोनी से सटे ताल की करीब 200 एकड़ जमीन को पिछले तीन साल से पाटा जा रहा है। बिना मानचित्र पास कराए दर्जन भर से अधिक मकान बन चुके हैं। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ताल को कब्जामुक्त कराने की मांग की है।
इस स्थान पर हुआ है कब्जा
समिति का कहना है कि सोनौली रोड स्थित आरकेबीके और जश्न मैरेज हाल के पीछे चिलुआताल का बड़ा हिस्सा आता है। ताल के इस हिस्से को अब भी पाटा जा रहा है। इस क्षेत्र में ताल से होकर एक नाला राप्ती नदी में मिलता है। इस नाले को भी पाटा जा रहा है। नाला पाट देने से कई मोहल्लों का पानी बाहर नहीं निकल पाएगा।
हटेगा कब्जा, ढहेंगे मकान
इस संबंध में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के सचिव राम सिंह गौतम का कहना है कि ताल की जमीन पर कब्जा कर यदि अवैध रूप से मकान बनाए गए हैं तो कार्रवाई कर निर्माण को ध्वस्त कराया जाएगा।